लखनऊ, 12 मई (ए) उत्तर प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव और हाल ही में हुए विधानसभा उपचुनाव के लिये मतों की गिनती शनिवार को होगी।.
अधिकारियों ने बताया कि दोनों चुनावों के वोटो की मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू होगी। स्वार (रामपुर) और छानबे (एससी) (मिर्जापुर) के उपचुनाव के लिए मतदान 10 मई को हुआ था, जबकि राज्य में नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में चार मई और 11 मई को हुआ था।.
अधिकारियों के मुताबिक स्वार और छानबे विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में मतदान प्रतिशत कम रहा और दोनो स्थानों पर क्रमश: 44.95 प्रतिशत और 44.15 फीसद मतदान हुआ ।
उनके अनुसार, एक साल पहले हुये विधानसभा चुनाव में स्वार में मतदान प्रतिशत 68.8 था, जब सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अपना दल (सोनेलाल) के उम्मीदवार को हरा दिया था। इसी तरह छानबे विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को मतदान प्रतिशत 44.15 प्रतिशत रहा, जबकि पिछली बार चुनाव में यह 52 प्रतिशत था
स्वार सीट सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को एक मामले में सजा सुनाये जाने के बाद उनकी सदस्यता रद्द होने के चलते रिक्त हुई है जबकि छानबे सीट भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के विधायक राहुल कोल के निधन की वजह से खाली हुई है।
उपचुनाव में सत्ताधारी गठबंधन और विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है। नगरीय निकाय चुनाव में 11 मई को दूसरे चरण में 38 जिलों में 53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि चार मई को पहले चरण में राज्य के 37 जिलों में 52 प्रतिशत मतदान हुआ।
शाहजहांपुर ने अपना पहला मेयर चुनने के लिए मतदान किया है। मेरठ और अलीगढ़ में 2017 में बसपा के मेयर थे, जबकि बाकी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था।
नगरीय निकाय चुनाव 17 महापौर, 1420 पार्षद, नगर पालिका परिषदों के 199 अध्यक्ष, नगर पालिका परिषदों के 5327 सदस्य, नगर पंचायतों के 544 अध्यक्ष और नगर पंचायतों के 7178 सदस्यों के निर्वाचन के लिये चुनाव होना था । चुनाव में 17 महापौरों और 1,401 पार्षदों के चुनाव के लिए मतदान हुआ था जबकि 19 पार्षद निर्विरोध चुने गए। राज्य में नगर पालिका परिषदों के 198 अध्यक्षों और 5,260 सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान हुआ। मतदाताओं ने नगर पंचायतों के 542 अध्यक्षों और नगर पंचायतों के 7,104 सदस्यों के भाग्य का फैसला करने के लिए भी मतदान किया। कुल मिलाकर, 162 जनप्रतिनिधि निर्विरोध चुने गए, जबकि 14,522 पदों के लिए 83,378 उम्मीदवार मैदान में थे।
उत्तर प्रदेश में महापौर का चुनाव आगरा, झांसी, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, सहारनपुर, मेरठ, लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन नगर निगम में हुआ।
राज्य चुनाव आयुक्त मनोज कुमार ने शहरी नगरीय निकाय के चुनावों के लिए अधिसूचना जारी करने की घोषणा करते हुए पहले कहा था कि राज्य में महापौरों की 17 सीटों और पार्षदों की 1,420 सीटों पर ईवीएम के माध्यम से मतदान होगा, जबकि शेष पर मतपत्र का उपयोग किया जाएगा।
चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मतदाताओं को लुभाने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और उनसे अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए वोट डालने की अपील की।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, उप्र भाजपा प्रमुख भूपेंद्र सिंह चौधरी और उप्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए मतदाताओं का समर्थन लेने के लिए राज्य के विभिन्न शहरों में रोड शो किया। मैनपुरी से लोकसभा सांसद डिंपल यादव ने भी पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नगरीय निकाय चुनाव को प्रदेश के शहरी मतदाताओं के बीच राजनीतिक दलों की स्थिति के आकलन की कसौटी के रूप में देखा जा रहा है