कड़ी मेहनत और गरीबों की सेवा ने मेरे बेटे को ये मुकाम दिलाया: न्यायमूर्ति गवई की मां

राष्ट्रीय
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अमरावती (महाराष्ट्र): 14 मई (ए)।) न्यायमूर्ति भूषण गवई की मां ने कड़ी मेहनत एवं दृढ़ संकल्प को अपने बेटे की सफलता का मूल आधार बताते हुए कहा कि उन्होंने गरीबों एवं जरूरतमंदों की सेवा करके इसे अर्जित किया है।

न्यायमूर्ति गवई आज यानी बुधवार को भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ लेंगे। सीजेआई संजीव खन्ना की सेवानिवृत्ति के बाद वह उनका स्थान लेंगे।न्यायमूर्ति भूषण गवई की मां कमलताई गवई ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में भरोसा जताया कि उनका बेटा अपने नए पद के साथ पूरा न्याय करेगा।

मूलरूप से महाराष्ट्र के अमरावती जिला निवासी न्यायमूर्ति गवई के पिता दिवंगत आर. एस गवई बिहार, केरल और सिक्किम के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं और वह ‘रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया’ के नेता भी थे।

कमलताई गवई ने कहा, ‘‘एक मां के रूप में मैं चाहती थी और उम्मीद करती थी कि मेरे बच्चे अपने पिता के पदचिह्नों पर चलकर समाज की सेवा करें, लोगों को सम्मान दें और उनकी हैसियत की परवाह किए बिना उन्हें न्याय दें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी के लिए बहुत खुशी का क्षण है। वह (न्यायमूर्ति भूषण गवई) बहुत छोटी उम्र से ही कठिन परिस्थितियों में और कई समस्याओं को पार करते हुए इतने ऊंचे पद पर पहुंचे हैं।’’

कमलताई ने बताया कि न्यायमूर्ति गवई ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अमरावती के एक साधारण स्थानीय स्कूल से की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनकी सफलता और उनके इस शीर्ष पद पर पहुंचने का श्रेय उनकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प को दूंगी।’’

कमलताई ने बताया कि न्यायमूर्ति गवई वित्तीय मदद देकर और बीमारों के उपचार का खर्च उठाकर कई जरूरतमंदों की मदद करते हैं।

कमलताई ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्हें गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा का ईनाम मिला है।’’

न्यायमूर्ति गवई की छोटी बहन कीर्ति अर्जुन ने भी पत्रकारों से कहा कि बेहद सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले अमरावती के बेटे ने इतना बड़ा पद हासिल किया है जो उनके लिए बहुत खुशी की बात है।

कीर्ति अर्जुन ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनका भाई इस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाएगा।