चुनाव को लेकर चर्चा कर रहे थे मंत्री जी तभी सभा में अचानक आ गया 15-20 पशुओं का झुंड,फिर–

उत्तर प्रदेश कानपुर नगर
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कानपुर, 03 फरवरी (ए)। यूपी में आजकल सभी पार्टियों ने चुनाव जीतने के लिए पूरी जोर आजमाइश कर रही है। जगह-जगह चुनावी जनसभा और घर-घर वोट मांगे जा रहे हैं। इस बीच कई नेताओं के विवादित बयानों के वीडियो भी वायरल हो चुके हैं। इस बीच एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, जिसने मंत्री ही नहीं पुलिस प्रशासन के भी कुछ देर के लिए होश उड़ा दिए हैं। दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो कानपुर का है। बताते हैं कि कैबिनेट मंत्री सतीश महाना बुधवार को एक चुनावी बैठक को संबोधित कर रहे थे। मंत्री जी चुनाव जीतने को लेकर मौजूद कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे थे। बैठक के दौरान मंत्री जी यह जानने की कोशिश भी कर रहे थे कि इस गांव में कितने लोग हें, जिनके वोट नहीं मिलेंगे। मंत्री जी बैठक के दौरान बोल ही रहे थे कि अचानक बड़ी संख्या में एक गायों का झुंड सभा में आ जाता है। भारी मात्रा में गायों के झुंड को देखकर चुनावी सभा में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि बाद में मंत्री ने इस पर नाराजगी भी जताई। मंत्री जी ने गायों के झुंड जानबूझकर छोड़े जाने को लेकर नाराजगी भी जताई, साथ ही चेतावनी भी दी। मंत्री सतीश महाना की चुनावी बैठक के दौरान किसी ने वीडियो बनाया और वायरल कर दिया। बताते हैं कि सभा के लिए एक छोटा सा मंच बनाया गया था। यह आयोजन ग्राम प्रधान ने किया था। कार्यक्रम को देखते हुए गांव की नालियां भी साफ करा दी थी। सभा की खबर विरोधी गुट को लग गई। उसने सबसे पहले जिस रास्ते से मंत्री जी को जाना था उस रास्ते पर नालियों से निकला कचरा फैला दिया, ताकि इसी कचरे से उनकी गाड़ियां गुजरें। साथ ही खेतों में फसल बर्बाद कर रहे 25-30 आवारा जानवरों को खदेड़कर एक बगीचे में रोक लिया। सभा शुरू हुई। मंत्री जी मंच से बोल रहे थे तभी गांव के 15-20 लोग आवारा जानवरों को हांकते हुए मीटिंग की ओर ले गए और सभा स्थल से गुजार दिया। इसके बाद तो भगदड़ मच गई।
मंत्री जी भी असहज हो गए। जब मवेशियों का झुंड चला गया तो मंत्री जी ने चेतावनी दी कि यदि गायों का आना स्वाभाविक है तो कोई बात नहीं। यदि इसमें कोई साजिश है तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। संबंधित इलाके के थानेदार को फोन किया। एसडीएम को तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा। अगले दिन गुरुवार को पुलिस और मजिस्ट्रेट दोनों गांव पहुंच गए। गांव वालों के बयान दर्ज किए गए। पता चला कि ग्राम प्रधान के विरोधी खेमे की यह करतूत थी। रिपोर्ट तहसील को भेजी गई है।
 

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