पंजाब और हरियाणा में मनाई गई दिवाली

राष्ट्रीय
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चंडीगढ़, चार नवंबर (ए) पूरे पंजाब और हरियाणा में बृहस्पतिवार को हर्षोल्लास और उत्साह से दिवाली मनाई गई।

दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ के बाजारों में आखिरी समय की खरीददारी के लिए भी लोगों की भीड़ नजर आई। पंजाब और हरियाणा के विभिन्न मंदिरों और गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

इस अवसर पर दीये, मोमबत्ती और बिजली के बल्ब के झालरों से लोगों ने घरों को सजाया तथा एक दूसरे को मिठाई भेंट की।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से दिवाली का उत्साह कुछ फीका रहा था।

अधिकारियों ने बताया कि दोनों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में सुरक्षा कड़ी की गई है और विशेष तौर पर अहम ठिकानों, बाजारों और पूजा स्थलों की सुरक्षा बढ़ाई गई है।

सिखों के पवित्र तीर्थस्थल अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को बिजली की रोशनी से जगमग किया गया है। इस मौके पर श्रद्धालुओं की स्वर्ण मंदिर स्थित सरोवर में स्नान करने और प्रार्थना करने के लिए भीड़ लगी रही।

स्वर्ण मंदिर में भारी भीड़ को देखते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने आसपास अपने स्वयंसेवकों की तैनाती की थी। इस मौके पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष लंगर की व्यवस्था की गई थी।

पूरे पंजाब में दिवाली के दिन ही पड़ने वाला ‘बंदी छोड़ दिवस’ भी मनाया गया। यह त्योहार वर्ष 1620 में मुगल कारागर से सिखों के छठवें गुरु, गुरु हरगोबिंद की 52 राजाओं के साथ रिहाई के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

गुरु हरगोबिंद जी रिहा होने के बाद सीधे स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे और इस दिन शहर को लोगों ने दीयों से जगमग कर उनका स्वागत किया था।

इस बीच, पंजाब ने दिवाली की रात विशेष सतर्कता बरतने के लिए अधिकारियों को विस्तृत निर्देश जारी किए है ताकि सरकार के दो घंटे ही- शाम आठ से 10 बजे तक – पटाखे जलाने के निर्देश का उल्लंघन नहीं हो।

पंजाब सरकार ने हाल में केवल हरित पटाखे की बिक्री और इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।

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