इस्लामाबाद: 24 जून (ए)।
यहां एक सरकारी बयान में कहा गया कि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति के लिए खतरा बने बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई।
प्रधानमंत्री शरीफ ने सभी मंचों पर ईरान का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई। इसके पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल-ईरान युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्धविराम की घोषणा की थी।
आधिकारिक बयान के अनुसार, ईरानी नेता मसूद पेजेशकियान के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान पश्चिम एशिया में तेजी से बदल रहे हालात पर करीबी नजर रख रहा है। उन्होंने बातचीत और कूटनीति के जरिए शांति बहाल करने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) सहित सभी राजनयिक मंचों पर ईरान के लिए पाकिस्तान के समर्थन को दोहराया, साथ ही सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर सिद्धांतों का पालन करने का आह्वान किया।
बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति पेजेशकियान ने टेलीफोन पर बातचीत करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और संकट के दौरान ईरान को पाकिस्तान से लगातार मिल रहे सैद्धांतिक समर्थन की सराहना की।
उन्होंने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की रचनात्मक भूमिका को भी स्वीकार किया। हाल के संघर्ष के दौरान यह दूसरी बार था जब दोनों नेताओं ने बात की।
राष्ट्रपति पेजेशकियान के साथ 14 जून को टेलीफोन पर बातचीत में शरीफ ने ईरान के खिलाफ इजराइल के हमलों की कड़ी निंदा की थी, जो उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करने के साथ संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के पूरी तरह से उल्लंघन को दर्शाते हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि ईरान को आत्मरक्षा का अधिकार है, जैसा कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत प्रदान किया गया है।
इससे पहले दिन में शरीफ ने ‘सऊदी अरब के भाईचारे वाले लोगों’ के साथ पाकिस्तान की अटूट एकजुटता की पुष्टि की और एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने सऊदी राजनयिक नवाफ बिन सईद अल मलकी से मुलाकात की और पश्चिम एशिया में तेजी से बदल रहे हालात पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘पाकिस्तान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से क्षेत्र में शांति के लिए सऊदी अरब के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।’’
प्रधानमंत्री ने अन्य पोस्ट में कहा कि उन्होंने कतर के राजदूत अली मुबारक अली एसा अल-खतर से भी मुलाकात की और इस दौरान उन्होंने पिछली रात अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमले के बाद कतर के अमीर और लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने हमेशा पश्चिम एशिया में स्थायी शांति के एकमात्र उपाय के रूप में बातचीत और कूटनीति की वकालत की है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कतर के लोगों तथा पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान कतर में अमेरिका के अल उदीद ‘एयर बेस’ पर हमलों के परिणामस्वरूप क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करता है।
इसमें कहा गया, ‘‘हम सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाली हालिया घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं। हम अंतरराष्ट्रीय कानून के मौलिक सिद्धांतों का पालन करने का आग्रह करते हैं और सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं।’’
पाकिस्तान ने सभी संघर्षों को वार्ता और कूटनीति के जरिये हल करने के अपने आह्वान को दोहराया तथा तनाव कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया।