अखिलेश का भाजपा पर कटाक्ष, कहा-राष्ट्र की एकता अखण्डता की फ्रेंचाइजी खुद ले रखी है

उत्तर प्रदेश लखनऊ
Spread the love
FacebookTwitterLinkedinPinterestWhatsapp

लखनऊ,26 नवम्बर एएनएस । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा समाज में कटुता और वैमनस्य बो रही है। उससे संविधान की प्रतिष्ठा और सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है? ऐसे में लोकतंत्र के सामने खतरा विद्यमान है। उन्होंने कटाक्ष किया है कि राष्ट्र की एकता अखण्डता की फ्रेंचाइजी एक विशेष दल ने स्वयं ही ले ली है। उनके मानकों से ही सब कुछ तय होता है। सत्ता दल की एकाधिकारी मानसिकता के चलते व्यक्ति की गरिमा पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। 

अखिलेश यादव ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने चेतावनी दी थी कि संविधान के प्रयोग में नीति और नीयत की भी अहम भूमिका होगी। ऐसे में यह जरूरी है कि लोकतंत्रात्मक गणराज्य भारत में सत्ता के शीर्ष में बैठे लोगों की लोकतंत्र में अटूट निष्ठा होनी चाहिए। लोकतंत्र लोकलाज से चलता है, यह बात भुलाई नहीं जा सकती।

संविधान उद्देशिका में जिस सामाजिक न्याय, राष्ट्रीय एकता एवं विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जिक्र है उन सबकी भाजपा राज में अनदेखी हो रही है। समाजवादी पार्टी बराबर यह मांग उठाती रही है कि जाति आधारित जनगणना हो ताकि हर समाज को संख्या बल के मुताबिक प्रतिनिधित्व हासिल हो सके। भाजपा इसके विरोध में है क्योंकि वह आरक्षण समाप्त करना चाहती है। डा. लोहिया ने पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए विशेष अवसर का सिद्धांत दिया था, भाजपा उसे लागू करना नहीं चाहती है।

कैसी विडम्बना है कि आजादी के 73 वर्षों बाद भी संविधान के मूल उद्देश्यों के विपरीत आर्थिक-सामाजिक गैरबराबरी बढ़ती जा रही है। कुछ चंद घरानों में देश की पूंजी बंधक बन गई है। गरीब-अमीर के बीच की खाई बढ़ती जा रही है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सबसे ज्यादा आघात भाजपा राज में हुआ है। असहमति को देशद्रोह का तमगा दिया जाने लगा है।

Facebook
Twitter
Whatsapp