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अदालत चंद्रबाबू की जमानत और पुलिस हिरासत से जुड़ी याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करेगी

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अमरावती, 25 सितंबर (ए) आंध्र प्रदेश में अमरावती की एक अदालत ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का आग्रह करने वाली अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की याचिका और उनकी ज़मानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार के लिए स्थगित कर दी। .

सीआईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक वाई.एन. विवेकानंद ने ‘ बताया कि अदालत ने इन मामलों को एक साथ सुनने के लिए मंगलवार की तारीख तय की है।.

उन्होंने कहा, “ हमारा आग्रह था कि पुलिस हिरासत में भेजने का आग्रह करने वाली हमारी याचिका पर भी सुनवाई होनी चाहिए। इस पृष्ठभूमि में, अदालत ने कहा कि वह हिरासत और जमानत याचिकाओं पर कल( मंगलवार को ) एक साथ सुनवाई करेगी और फिर आदेश पारित करेगी।”

विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि हिरासत के लिए दूसरी याचिका इसलिए दायर की गई है, क्योंकि नायडू ने 23-24 सितंबर को दो दिन की पूछताछ के दौरान कथित तौर पर सहयोग नहीं किया।

वकील प्रमोद दुबे के नेतृत्व वाली नायडू की कानूनी टीम को कल तक हिरासत याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है।

आंध्र प्रदेश फाइबरनेट और अमरावती इनर रिंग रोड मामलों में सीआईडी की कैदी ट्रांजिट (पीटी) याचिकाओं पर सोमवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी। विवेकानंद ने कहा कि इन पर बाद में एक-एक करके सुनवाई हो सकती है।

उन्होंने कहा कि अदालत ने पीटी वारंट से पहले जमानत याचिका पर सुनवाई करने पर जोर दिया क्योंकि यह व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित है।

सीआईडी ने कौशल विकास निगम घोटाले से संबंधित मामले में तेदेपा प्रमुख नायडू की पांच दिन की और हिरासत की मांग करते हुए सोमवार को एक अदालत में नई याचिका दायर की।

नायडू की दो दिन की पुलिस हिरासत रविवार शाम को खत्म हो गई थी जिसके बाद अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत पांच अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी।

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने तेदेपा प्रमुख की प्राथमिकी रद्द करने का आग्रह करने वाली याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

नायडू को कौशल विकास निगम के धन की हेराफेरी करने के आरोप में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सरकारी खजाने को कथित रूप से 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

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