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अदालत ने मीरवाइज उमर फारुक की नजरबंदी को लेकर प्रशासन को नोटिस जारी किया

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श्रीनगर, 15 सितंबर (ए) जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक की उस याचिका पर केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को शुक्रवार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा जो उन्होंने अगस्त 2019 से अपनी नजरबंदी को लेकर दायर की है।.

फारूक के वकील नजीर अहमद रोंगा ने कहा कि अदालत ने प्रशासन को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।.

अलगाववादी नेता ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें याचिकाकर्ता (मीरवाइज) को ‘अवैध और अनधिकृत हिरासत’ से रिहा करने के लिए प्रतिवादियों (अधिकारियों) को आदेश या निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, क्योंकि याचिकाकर्ता को बिना किसी आदेश या कानूनी प्राधिकार के उनके निवास में नजरबंद किया गया है।’’

रिट याचिका में उच्च न्यायालय से यह भी अनुरोध किया गया है कि वह उचित रिट या आदेश जारी करके प्रशासन से यहां निगीन हजरतबल स्थित अलगाववादी नेता के घर के बाहर से घेराबंदी हटाने का निर्देश दे।

याचिका में कहा गया है, ‘‘उन्हें शुक्रवार का ‘खुतबा’ (उपदेश) देने और जामिया मस्जिद, नौहट्टा श्रीनगर में शुक्रवार की नमाज कराने की अनुमति दी जाए और मीरवाइज के एक नागरिक के रूप में आवाजाही सहित अन्य बाधाओं को दूर किया जाए। साथ ही उन्हें संविधान के तहत गारंटीकृत स्वतंत्रता का लाभ उठाने की अनुमति दी जाए।’’

हुर्रियत नेता दो अगस्त, 2019 से घर में नजरबंद हैं। केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा रद्द कर दिया था और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था।

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