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आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में उतरे हाईकोर्ट के तीन पूर्व जज

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चंडीगढ़, 02 दिसम्बर (ए)। किसानों के समर्थन और कृषि कानून के विरोध में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के तीन पूर्व जज खुुल कर आगे आए हैं। पूर्व जज एमएस गिल, नवाब सिंह व रणजीत सिंह ने आज कहा कि हाल ही में लागू कृषि कानूनों के खिलाफ देश का संपूर्ण कृषक समुदाय अत्यधिक दुखी है। कानून बनने के बाद काफी समय से किसान शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।  
तीनों पूर्व जजों ने कहा कि कानून बनाने से पहले संसद सत्र के दौरान विस्तार से विचार करने के लिए इंतजार किया जा सकता था। बिलों को ध्वनिमत से बहुत ही संदिग्ध तरीके से राज्यसभा में पारित किया गया। सरकार को इन कानूनों को लागू करने से पहले किसानों की चिंता को ध्यान में रखना चाहिए था। यदि ऐसा किया गया होता तो वर्तमान स्थिति से बचा जा सकता था। किसानों की चिंता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। 
उन्होंने कहा कि किसान विरोध अब केवल पंजाब और हरियाणा राज्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में भी फैल रहा है। शांति से विरोध करने के लिए सभी को सांविधानिक अधिकार है।
जिस तरह से शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जाने वाले किसानों को हरियाणा पुलिस ने परेशान किया वह न केवल अलोकतांत्रिक बल्कि क्रूर भी था। कड़ाके की ठंड में अंधाधुंध वाटर कैनन का इस्तेमाल, लाठियों और अन्य साधनों का उपयोग किसी भी लोकतांत्रिक सरकार को शर्मसार करने वाला है। बदले में किसानों को लाठीचार्ज करने वाले पुलिसवालों को भोजन और पानी की पेशकश करते देखा गया। सरकार को करोड़पतियों के साथ दिखने के बजाय गरीबों की रक्षा के लिए खड़ा होना चाहिए। हम किसानों की आवाज सुनने और किसानों की शिकायतों का हल खोजने के लिए केंद्र सरकार से अपील करते हैं। 

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