Site icon Asian News Service

आतंकवादियों के शिकार शिक्षक का अंतिम संस्कार

Spread the love

जम्मू, आठ अक्टूबर (ए) कश्मीरी प्रवासी शिक्षक दीपक चंद का अंतिम संस्कार शुक्रवार को यहां एक श्मशान घाट में किया गया। उस दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं सहित हजारों लोग मौजूद थे।

आतंकवादियों ने एक दिन पहले ही शिक्षक दीपक चंद और स्कूल की प्रधानाध्यापिका सुपिंदर कौर की श्रीनगर में गोली मारकर हत्या कर दी थी।

शक्तिनगर श्मशान घाट में दीपक चंद के अंतिम संस्कार के समय काफी गमगीन माहौल था। उनका पार्थिव शरीर देर रात श्रीनगर से यहां पटोली स्थित उनके घर लाया गया। इस दौरान उनकी मां कांता देवी और उनकी पत्नी अनुराधा बेसुध थीं। बेटे के गम में डूबीं कांता देवी ने कहा, ‘‘मैं कुछ नहीं चाहती, मुझे कोई नौकरी नहीं चाहिए, बस मेरे दीपक को वापस लौटा दो।’’

कांता देवी का परिवार 1990 के दशक में आतंकवाद के दौरान कश्मीर से यहां आ गया था। उन्होंने कहा कि सरकार उनके बेटे की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकी और उसे जीवनयापन के लिए कश्मीर में काम करना पड़ा और उसे अपनी जान से इसकी कीमत चुकानी पड़ी।

अनुराधा ने कहा, “हमें कुछ नहीं चाहिए, मैं बस अपने पति को वापस चाहती हूं। क्या सरकार उन्हें वापस ला सकती है?”

चंद के एक रिश्तेदार विक्की मेहरा ने कहा कि कश्मीर “हमारे लिए स्वर्ग नहीं, नरक है। घाटी में 1990 की स्थिति लौट रही है। हिंदुओं को चुन चुन कर निशाना बनाने के कारण कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से भागना पड़ा। आज भी यही स्थिति है। सरकार हमारी रक्षा करने में नाकाम रही है।’’

अंतिम संस्कार में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने संवाददाताओं से कहा कि कश्मीर में निहत्थे और मासूम अल्पसंख्यक लोगों पर दि रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा किए गए इन जघन्य हमलों के अपराधियों को उचित जवाब दिया जाएगा।

रैना ने कहा, “यह अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हत्याओं को अंजाम देने की साजिश है। इन जघन्य अपराधों में शामिल आतंकवादियों, उनके समर्थकों का सफाया कर दिया जाएगा।”

Exit mobile version