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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हेड कॉन्स्टेबलों को पदावनत कर पीएसी में भेजने पर लगाई रोक

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प्रयागराज, 01 अक्टूबर एएनएस। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 890 पुलिस हेड कॉन्स्टेबलों को कॉन्स्टेबल पद पर पदावनत कर पीएसी में भेजने के आदेश पर रोक लगा दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने पारसनाथ पांडेय समेत रिवर्ट किए गए सैकड़ों अन्य हेड कांस्टेबलों की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम और अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल को सुनकर दिया है।
सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि हेड कॉन्स्टेबलों को पीएसी में भेजने का आदेश संशोधित कर दिया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम ने बताया कि संशोधित आदेश में कॉन्स्टेबलों को पीएसी में भेजने के बाद वहीं प्रोन्नति पर विचार करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे कॉन्स्टेबल संतुष्ट नहीं हैं। गौतम ने अपनी बहस में कहा कि इतने वृहद स्तर पर हेड कॉन्स्टेबलों को सुनवाई का अवसर दिए बगैर पदावनत करना नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है। यह भी कहा कि याचियों को 20 वर्ष के बाद सिविल पुलिस से पीएसी में वापस भेजना शासनादेशों के विरुद्ध भी है।

याचिका में नौ व 10 सितम्बर 2020 के डीआईजी स्थापना व अपर पुलिस महानिदेशक, पीएचक्यू के आदेशों को चुनौती दी गई है। इन आदेशों से प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात 890 हेड कॉन्स्टेबलों को पदावनत कर कांस्टेबल बना दिया गया। रिवर्ट किए गए हेड कॉन्स्टेबलों ने याचिका दाखिल करके इन आदेशों की वैधानिकता को चुनौती दी। उधर, मुख्यमंत्री ने इस मामले में स्वयं संज्ञान लेते हुए डीजीपी को निर्देश दिया कि कांस्टेबलों को नियमानुसार प्रोन्नति दी जाए। इसके बाद एडीजीपी ने आदेश में संशोधन कर दिया।

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