उच्चतम न्यायालय ने अपने कर्मचारियों के लिए आरक्षण नीति पेश की

राष्ट्रीय
Spread the love

नयी दिल्ली: एक जुलाई (ए)।) उच्चतम न्यायालय ने पहली बार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के अपने कर्मचारियों की सीधी नियुक्ति और पदोन्नति के लिए एक औपचारिक आरक्षण नीति पेश की है।

इस निर्णय की सूचना 24 जून को जारी एक परिपत्र में उच्चतम न्यायालय के सभी कर्मचारियों को दी गयी।इस निर्णय की सूचना 24 जून को जारी एक परिपत्र में उच्चतम न्यायालय के सभी कर्मचारियों को दी गयी।

परिपत्र में कहा गया है, ‘‘सक्षम प्राधिकरण के निर्देशानुसार, सभी संबंधितों लोगों को यह अधिसूचित किया जाता है कि मॉडल आरक्षण रोस्टर और रजिस्टर को सुपनेट (आंतरिक ईमेल नेटवर्क) पर अपलोड कर दिया गया है तथा इसे 23 जून, 2025 से प्रभावी कर दिया गया है।’’

परिपत्र में कहा गया है, ‘‘यह भी सूचित किया जाता है कि यदि किसी कर्मचारी को रोस्टर या रजिस्टर में किसी गलती या अशुद्धि के बारे में कोई आपत्ति या कुछ कहना हो तो वे इसकी सूचना रजिस्ट्रार (भर्ती) को दे सकते हैं।’’

परिपत्र और वर्तमान में प्रभावी मॉडल रोस्टर के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में 15 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को 7.5 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।

नीति के अनुसार, आरक्षण का लाभ रजिस्ट्रार, वरिष्ठ निजी सहायकों, सहायक लाइब्रेरियन, कनिष्ठ अदालत सहायकों और चैंबर अटेंडेंट को मिलेगा।