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उत्तराखंड : सिलक्यारा सुरंग में 31 मीटर तक लंबवत ड्रिलिंग हुई

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उत्तरकाशी, 27 नवंबर (ए) निर्माणाधीन सिलक्यारा—बड़कोट सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए सुरंग के ऊपर से की जा रही लंबवत ड्रिलिंग 31 मीटर तक पहुंच चुकी है । .

क्षैतिज ड्रिलिंग कर रही ऑगर मशीन के टूटने के बाद वैकल्पिक रास्ता तैयार करने के लिए रविवार को सुरंग के ऊपर से लंबवत ड्रिलिंग शुरू की गयी थी।

सिलक्यारा में बचाव कार्यों की देखरेख कर रहे सीमा सड़क संगठन के पूर्व महानिदेशक हरपाल सिंह ने मंगलवार को बताया कि अब तक 31 मीटर लंबवत ड्रिलिंग की जा चुकी है ।

इसके तहत 1.2 मीटर व्यास के पाइपों को लंबवत तरीके से सुरंग के शीर्ष से नीचे की ओर डाला जाएगा ।

अधिकारियों ने रविवार को बताया था कि सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने के लिए कुल 86 मीटर लंबवत ड्रिलिंग की जाएगी और इसमें चार दिन का समय लगेगा ।

सिंह ने बताया कि ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंस गए, अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष बचे हिस्से भी सोमवार को तड़के बाहर निकाल लिए गए जिसके बाद श्रमिकों के लिए पहले से बनाए जा रहे रास्ते को पूरा करने के लिए अब ‘मैन्युल ड्रिलिंग’ शुरू की जाएगी । उन्होंने बताया कि इसके लिए तैयारियां चल रही हैं ।

शुक्रवार को दोपहर में जब 25 टन वजनी ऑगर मशीन टूटी, उस समय तक बचावकर्मी मलबे के अंदर 47 मीटर तक भेद चुके थे और श्रमिकों तक पहुंचने के लिए केवल 10—12 मीटर ड्रिल करना ही शेष रह गया था ।

इस संबंध में सिंह ने कहा, ‘‘800 मीटर व्यास के पाइपों के फ्रेम तैयार कर लिए गए हैं । हम आधा मीटर से लेकर एक मीटर की दूरी लेते हुए धीरे—धीरे आगे बढ़ेंगे । अगर सब कुछ ठीक रहा और कोई अड़चन नहीं आई तो मलबे का 10 मीटर का हिस्सा 24—36 घंटों में ड्रिल किया जा सकता है ।’

सुरंग के सिलक्यारा छोर से 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन के जरिए चल रही क्षैतिज ड्रिलिंग में ताजा अवरोध शुक्रवार शाम को आया जब उसके ब्लेड मलबे में फंस गए ।

बचाव कार्यों के लिए उत्तराखंड की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने रविवार शाम सात बजे तक की स्थिति बताते हुए कहा था कि मलबे में ऑगर मशीन का केवल 8.15 मीटर हिस्सा ही निकाला जाना शेष रह गया है। सोमवार तड़के तक मशीन के सभी हिस्से मलबे से बाहर निकाल लिए गए ।

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