बहराइच: 18 सितंबर (ए)
विधायक आनन्द यादव ने संवाददाताओं से कहा, ”बृहस्पतिवार को उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में जिले की समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। बैठक में मेरे सहित पक्ष-विपक्ष सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था। उपमुख्यमंत्री के आगमन से पहले ही मैं बैठक स्थल पर पहुंचा था। मौर्य जब बैठक में पहुंचे और मुझे बैठे देखा तो मुझे वहां ना बैठकर जिलाधिकारी के चैम्बर में बैठने को कहा गया।”
उन्होंने कहा, ”मुझे अपने क्षेत्र का ज्वलंत मुद्दा, क्षेत्र के 10-12 गांवों में भेड़िए और फिशिंग कैट की दहशत के तात्कालिक समाधान तथा विकास संबंधी कुछ अन्य प्रकरणों पर समीक्षा बैठक में बात रखनी थी। मैंने अपनी बात तो कही लेकिन जवाब की बजाय मुझे बैठक से जाने को कह दिया गया।”यादव ने कहा, ”उपमुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक तो सरकारी थी। मुझे सरकारी पत्र लिखकर बुलाया गया था…. लेकिन ऐसा लगा जैसे यह विकास कार्यों की समीक्षा बैठक ना होकर उनकी पार्टी की समीक्षा बैठक हो।”उन्होंने कहा कि इस प्रकरण को वह अदालत तक ले जाएंगे साथ ही पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से बात कर उचित मंच पर इसकी शिकायत दर्ज करेंगे।