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एक साथ चुनाव कराना संवैधानिक, कानूनी या व्यावहारिक रूप से संभव नहीं: आम आदमी पार्टी

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चंडीगढ़, दो सितंबर (ए) आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब इकाई के नेता मालविंदर सिंह कंग ने ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि देश में इसे लागू करना संवैधानिक, कानूनी या व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।.

सरकार ने लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर गौर करने और जल्द से जल्द सिफारिशें देने के लिए शनिवार को आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति अधिसूचित कर दी।.समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे और इसमें गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन. के. सिंह सदस्य होंगे।

कंग ने कहा कि भारत विभिन्न राज्यों का एक संघ है और देश में विभिन्न धर्मों, जातियों, समुदायों और भाषाओं के लोग रहते हैं इसलिए एक साथ चुनाव कराना संवैधानिक, कानूनी या व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है।

‘आप’ की पंजाब इकाई के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ लेकिन, भाजपा का विचार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’, ‘एक राष्ट्र, एक पार्टी’, ‘एक राष्ट्र, एक धर्म’ और ‘एक राष्ट्र, एक भाषा’ है जो हमारे देश, संविधान और लोकतंत्र के सार के खिलाफ है।’’

‘आप’ नेता ने आरोप लगाया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ और उसकी ताकत से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) डरी हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वैचारिक मतभेदों के बावजूद, देश हित में सभी पार्टियां एक मंच पर आ रही हैं।’’

कंग ने कहा कि भाजपा को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी हार दिख रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘वे यह भी जानते हैं कि राज्य विधानसभा चुनावों के बाद 2024 के लोकसभा चुनावों में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ेगा।’’

‘आप’ नेता ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की अवधारणा का समर्थन करने के लिए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने देश के हितों को नजरअंदाज करते हुए अपने हितों के लिए इस विचार का समर्थन किया है।

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