कई बार न्यायाधीश भी गलतियां करते हैं : न्यायमूर्ति भरत पी. देशपांडे

राष्ट्रीय
Spread the love
FacebookTwitterLinkedinPinterestWhatsapp

पणजी,16 दिसंबर (ए)। बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति भरत पी. देशपांडे ने शनिवार को गोवा में कहा कि कई बार न्यायाधीश भी गलतियां करते हैं। उन्होंने कहा कि हरेक कानूनी मामला अलग होता है तथा उसकी दूसरे मौजूदा या पूर्व मामलों से तुलना नहीं की जा सकती है।

‘जी आर करे कॉलेज ऑफ लॉ’, मडगांव में ‘जीआरके- ज्यूडिश्यरी टॉक’ व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति देशपांडे ने कहा कि हर विषय पर कई सारे फैसले होते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘सत्र न्यायाधीश और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में मेरा अनुभव यह है कि हर मामला अपने आप में कुछ अलग होता है। आप हर मामले या पहले के मामलों की मौजूदा मामलों से तुलना नहीं कर सकते।’’

न्यायमूर्ति देशपांडे ने कहा, ‘‘हम न्यायाधीश के रूप में यह दावा नहीं करते हैं कि हम हमेशा सही होते हैं। हम भी कई बार गलतियां करते हैं। लेकिन सच तो यह है कि यह स्वीकार करने में स्पष्टता होनी चाहिए कि गलती हुई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हर कोई कभी न कभी गलती करता है। सबसे अच्छी बात यह है कि आप अपनी गलतियां स्वीकार करें, उन्हें सुधारने की कोशिश करें और आगे बढ़ें। यह जीवन का हिस्सा है, जिसे हम अपने समाज में ही शामिल करने का प्रयास करते हैं।’’

न्यायमूर्ति देशपांडे ने छात्रों से कक्षाओं में बैठकर सैद्धांतिक ज्ञान लेने के अलावा व्यावहारिक अनुभव हासिल करने के लिए अदालतों में जाने का अनुरोध किया।

उन्होंने कानून के छात्रों को समाज और कानूनी सहायता की आवश्यकता वाले लोगों की सेवा करने के औजार के रूप में अपनी डिग्री का इस्तेमाल करने को कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘अदालतों में जाइए, खासकर निचली अदालतों में। वह ज्ञान आपको भविष्य में आपके करियर में सबसे पहले अनुभव देगा।’’

न्यायमूर्ति देशपांडे ने छात्रों से प्रौद्योगिकी का ‘‘गुलाम’’ न बनने को भी कहा। उन्होंने कहा, ‘‘आपको उस (प्रौद्योगिकी) का फायदा उठाना होगा, लेकिन मामले की तह तक भी जाना होगा। किताब पढ़ें, जिससे आपको प्रक्रियागत कानूनों और नियमों की गहन जानकारी मिलेगी।’’

इस मौके पर महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल के अध्यक्ष वकील परिजात मधुसूदन पांडे भी मौजूद थे

Facebook
Twitter
Whatsapp