किसान आंदोलन : सिंघू सीमा यातायात के लिए बंद रहने से यात्रियों को हुई असुविधा

राष्ट्रीय
Spread the love
FacebookTwitterLinkedinPinterestWhatsapp

नयी दिल्ली: 15 फरवरी (अ) किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सिंघू सीमा बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन यातायात के लिए बंद रही, जिससे सामान लेकर अपने छोटे बच्चों के साथ आने वाले कई यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

कुछ लोगों को अपने छोटे बच्चों को गोद में लेकर पैदल ही दिल्ली-हरियाणा सीमा पार करनी पड़ी। पानीपत से बवाना की ओर जा रहे सागर सिंह ने कहा, ‘‘मैं बवाना में अपनी बीमार सास को देखने जा रहा हूं। मुझे वहीं रुकना है ताकि अगर उन्हें मेरी जरूरत हो तो मैं मदद के लिए उपलब्ध हो सकूं। मौजूदा हालात रात में या कभी भी यात्रा करने के लिए अनुकूल नहीं हैं।’रोहित कुमार एक शादी में शामिल होने के बाद अंबाला से दिल्ली लौट रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को उचित विकल्प उपलब्ध कराना चाहिए ताकि यात्रियों को इस तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

कुमार ने कहा, ‘‘मैं मंगलवार को अंबाला के पास अपने भतीजे की शादी में शामिल होने गया था। उस दिन भी सीमा बंद थी। मैं अपनी पत्नी और बेटी के साथ यात्रा कर रहा हूं। मैं इस तरह की बाधाओं के साथ सीमा पार कर सकता हूं, लेकिन मेरी पत्नी और बेटी के लिए यह मुश्किल है।’’

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यात्रियों को हो रही असुविधा को कम करने के लिए एक उचित वैकल्पिक रास्ता देना चाहिए।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन के समर्थन में शुक्रवार को ‘भारत बंद’ बुलाया है। किसान संगठन अपनी मांगों को स्वीकार कराने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान कर रहे हैं। वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं।

बवाना के पास एक गोदाम में काम करने वाले विश्वास कुमार ने कहा कि अगर यह पहले के आंदोलन की तरह कई दिनों तक जारी रहेगा, तो वह रोजाना अपने कार्यालय नहीं जा पाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सड़क बंद होने के कारण हमें अपने दफ्तर तक पहुंचने में दोगुना समय लगता है। हमें उम्मीद है कि यह जल्दी खत्म हो जाएगा क्योंकि हमें पिछली बार भी नुकसान उठाना पड़ा था।’’

दिल्ली-हरियाणा सीमा के आसपास के क्षेत्रों में प्रतिबंध मंगलवार को लागू हो गए, जिस दिन मार्च शुरू हुआ था। किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए बैरिकेड और कंक्रीट के अवरोधक लगाए गए हैं।

FacebookTwitterWhatsapp