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कोहरे के दौरान उड़ानें रद्द होने, मार्ग परिवर्तन के मामलों में उल्लेखनीय गिरावट आई: सिंधिया

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मुंबई, 13 अक्टूबर (ए) केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के सक्रिय दृष्टिकोण के कारण कोहरे के समय उड़ान रद्द होने और विमानों के मार्ग परिवर्तन में उल्लेखनीय गिरावट आई है।

नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया ने शुक्रवार को अपने मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में कहा कि पिछले दो वर्षों में विमानों की आवाजाही में 22 प्रतिशत की वृद्धि के बावजूद ऐसा हुआ है।

प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर से 10 फरवरी के बीच की अवधि को आमतौर पर भारत में कोहरे की अवधि माना जाता है।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सिंधिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनके नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी. के. सिंह, संसद सदस्यों और नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए, एएआई और अन्य संबंधित संगठनों के अधिकारी भी शामिल हुए।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्ष 2021-22 में, कुल 136374 में से 124 उड़ानें रद्द कर दी गई थीं, लिहाजा उड़ानें रद्द होने की दर 0.09 प्रतिशत ही जबकि वर्ष 2022-23 में कुल 166927 उड़ानों में से 86 रद्द हुईं, इस तरह उड़ानें रद्द होने की दर 0.05 प्रतिशत रही।

मंत्रालय ने कहा कि इसी तरह 2021-22 में, कोहरे का सामना करने वाले आठ मुख्य हवाई अड्डों पर 58 उड़ानों का मार्ग बदला गया था, जिनकी संख्या 2022-23 में घटकर 14 रह गई।

मंत्री ने कहा कि कोहरा एक मौसमी घटना है, जो आमतौर पर जमीनी स्तर से कुछ हजार फीट ऊपर तक सीमित रहती है। सर्दी के मौसम में कोहरे के कारण 1000 मीटर से नीचे खराब दृश्यता पैदा हो जाती है। यह स्थिति भारत के उत्तरी हिस्सों तक ही सीमित नहीं है और यह उड़ान संचालन को प्रभावित करती है।

कोहरे की स्थिति के दौरान, जमीन के करीब हवा की परत में पानी की बूंदों और धूल की मौजूदगी के कारण दृश्यता खराब हो जाती है

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