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छत्तीसगढ़ में 10 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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दंतेवाड़ा, तीन नवंबर (ए) राज्य के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के सामने दस नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से चार 2018 में हुए नीलवाया नक्सली हमले में शामिल थे। इस हमले में तीन पुलिस कर्मियों और दूरदर्शन के कैमरामैन की मृत्यु हो गई थी।

दंतेवाड़ा जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने बताया कि मंगलवार को क्षेत्र में माओवादी नेताओं की खोखली विचारधारा और हिंसा से परेशान होकर तथा लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर 10 नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा जिला बल के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।

पल्लव ने बताया आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से पांच पर कुल 10 लाख रुपए का इनाम घोषित है।

उन्होंने बताया कि जिले में लोन वर्राटू अभियान के शुरू होने के बाद से लेकर अब तक 187 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। ‘लोन वर्राटू’ का अर्थ है ‘घर वापसी’।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में चार, माड़वी आत्या :20 वर्ष:, भीमा कोर्राम :22 वर्ष:, मुक्का माड़वी :26 वर्ष: और नरेश मरकाम :23 वर्ष: के खिलाफ 2018 में जिले के नीलवाया गांव के करीब नक्सली हमले में शामिल होने का आरोप है।

उन्होंने बताया कि नक्सली आत्या पर दो लाख रूपए तथा माड़वी और कोर्राम पर एक—एक लाख रूपए का इनाम है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा माओवादियों के एरिया कमेटी सदस्य कोसा मड़कम पर पांच लाख रूपए तथा दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष देवा मंडावी :22 वर्ष: पर एक लाख रूपए इनाम है।

पल्लव ने बताया कि आत्मसर्पण करने वाले नक्सलियों के खिलाफ क्षेत्र में सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर बारूदी सुरंग में विस्फोट करने का आरोप है।

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को दस—दस हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। वहीं राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत भी उनकी मदद की जाएगी।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिले में नक्सलियों को उनके घर वापस बुलाने के लिए लोन वर्राटू अभियान चलाया जा रहा है। गोंडी बोली के इस वाक्य का अर्थ घर वापस लौट आओ होता है। इस अभियान के तहत नक्सलियों के गृह ग्राम में पोस्टर बैनर लगाया जा रहा है।

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