न्यूयॉर्क: दो सितंबर (ए)
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।
उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान के साथ निजी व्यावसायिक हितों को तरजीह देने वाले ट्रंप के कारण यह रिश्ता कमजोर हुआ है।
सुलिवन ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि पाकिस्तान की ट्रंप परिवार के साथ व्यापारिक सौदे करने की इच्छा के कारण ही ट्रंप ने भारत के साथ अपने संबंधों को दरकिनार कर दिया है।’’
सुलिवन ने इसे ‘बहुत बड़ा रणनीतिक नुकसान’ बताया और कहा कि मजबूत अमेरिका-भारत संबंध अमेरिका के हितों की पूर्ति करते हैं।
राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रहे सुलिवन ने यह भी चिंता जताई कि इस तरह की कार्रवाइयों से दुनिया भर के अन्य देशों में ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिका के साथ उनके संबंधों को लेकर चिंता है।
सुलिवन ने कहा, ‘‘दुनिया के किसी देश की कल्पना कीजिए। आप जर्मनी हैं, आप जापान हैं, आप कनाडा हैं। आप इसे देखते हैं और कहते हैं, ‘कल हम भी हो सकते हैं’। और यह आपके इस विचार को और पुष्ट करता है कि आपको अमेरिका के खिलाफ बचाव करना होगा और दुनिया भर के हमारे सभी मित्र और देश यह निर्णय लेंगे कि वे किसी भी तरह, किसी भी रूप में अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकते, यह दीर्घकालिक रूप से अमेरिकी लोगों के हित में नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि भारत के साथ मौजूदा स्थिति के ना केवल प्रत्यक्ष रणनीतिक परिणाम होंगे, बल्कि दुनिया भर में उसके साथ सभी अमेरिकी संबंधों और साझेदारियों पर इसका दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।