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नासिक में कम कीमत के कारण प्याज की नीलामी शुरू होने के बाद रुकी, किसानों का प्रदर्शन

New Delhi: Farmers during the 'Kisan Garjana' rally, organised by Bharatiya Kisan Sangh (BKS), at Ramleela Maidan in New Delhi Monday, Dec. 19, 2022. The primary demand of the farmers is remunerative prices on the basis of input cost, rollback of GST on all kinds of farming activities and withdrawal of permission for GM crops. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI12_19_2022_000165B)

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मुंबई, 24 अगस्त (ए) महाराष्ट्र के नासिक के कुछ एपीएमसी में बृहस्पतिवार को प्याज की नीलामी शुरू हुयी लेकिन कम कीमतों के कारण इसे कुछ देर बाद ही बंद कर दिया गया। प्याज की नीलामी सोमवार से बंद थी।.

इस बीच करीब 500 किसानों ने प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाने के विरोध में मुंबई-आगरा राजमार्ग को अवरूद्ध कर दिया। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।.अधिकारियों ने बताया कि देश के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार लासलगांव के साथ-साथ पिंपलगांव और चंदवाड़ में एपीएमसी में सुबह नीलामी शुरू हुई, लेकिन कुछ समय बाद कम कीमत के कारण इसे रोक दिया गया।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के शीर्ष संगठन नेफेड और एनसीसीएफ ने प्याज की कीमत 2,410 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की थी। उन्होंने बताया कि किसानों को इतनी रकम न मिल पाने और इससे कम कीमतों के कारण प्याज की नीलामी आज रोकी गयी।

अधिकारियों ने बताया कि किसानों ने इसलिये भी नीलामी रोक दी क्योंकि मौके पर नेफेड या भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं था।

एक अधिकारी ने बताया, ‘‘लासलगांव में, प्याज से लदे लगभग 300 वाहन सुबह नीलामी के लिए पहुंचे, प्रति क्विंटल न्यूनतम कीमत 600 रुपये जबकि अधिकतम मूल्य 2,500 रुपये और औसत कीमत 2,251 रुपये थी। चंदवाड़ में कीमत 1700-1800 रुपये प्रति क्विंटल थी।’’

अधिकारी ने बताया कि नीलामी सुबह 8:30 बजे शुरू हुई, लेकिन केवल 15-20 मिनट तक चली क्योंकि किसान नाखुश थे।

नीलामी दोपहर तक दोबारा शुरू नहीं हुई थी और अधिकारियों ने दोपहर बाद नीलामी होने की उम्मीद जतायी ।

बाद में, 500 से अधिक किसानों ने निर्यात शुल्क लगाये जाने के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए जिले के ग्रामीण हिस्से चंदवाड़ में प्रदर्शन किया ।

अधिकारी ने बताया कि यह प्रदर्शन जिले के देहात इलाके चंदवाड़ में हुआ और मुख्य सड़क लगभग डेढ़ घंटे तक बाधित रही। इसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया गया।

केंद्र की ओर से प्याज पर लगाये गये निर्यात शुल्क के खिलाफ जिले में सोमवार से आंदोलन जारी है।

आगामी त्योहारी सीजन के मद्देनजर बढ़ती कीमतों के संकेतों के बीच केंद्र सरकार ने 19 अगस्त को प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए इसके निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगा दिया था।

निर्यात शुल्क वित्त मंत्रालय द्वारा एक अधिसूचना के माध्यम से लगाया गया था और यह 31 दिसंबर तक लागू रहेगा। यह पहला मौका है जब प्याज पर निर्यात शुल्क लगाया गया है ।

इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है। भारतीय प्याज के शीर्ष तीन आयातक देशों में बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं।

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