सेना ने एक बयान में चेतावनी दी कि इस अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी और व्यक्तियों या संपत्ति को निशाना बनाने वाले हमलों को आपराधिक गतिविधि माना जाएगा और उससे निपटा जाएगा।
इसमें कहा गया है कि प्रतिबंधात्मक आदेश पूरे देश में सुबह से शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेंगे और उसके बाद बृहस्पतिवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा।
सेना ने कहा कि प्रदर्शन की आड़ में लूटपाट, आगजनी और अन्य विनाशकारी गतिविधियों की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए ये कदम ज़रूरी हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘बलात्कार और हिंसक हमलों का भी खतरा है। देश की सुरक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए, प्रतिबंधात्मक आदेश और कर्फ्यू लागू कर दिया गया है।’’
बयान में स्पष्ट किया गया है कि एम्बुलेंस, दमकल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और सुरक्षा बलों सहित आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों और कर्मियों को प्रतिबंधात्मक आदेशों और कर्फ्यू के दौरान काम करने की अनुमति होगी।
नेपाल आर्मी ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने पास मौजूद अनाधिकृत हथियार और गोलाबारूद सुरक्षा कर्मियों के पास सरेंडर कर दें। आर्मी ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा, “इन हथियारों का दुरुपयोग हो सकता है और इससे जान-माल की हानि हो सकती है, इसलिए जिन लोगों को भी इसकी जानकारी मिले, उनसे अनुरोध है कि वे सुरक्षा एजेंसी को सूचित करें और संबंधित लोगों को हथियार सौंपने के लिए प्रोत्साहित करें।”