वसई विरार सिटी नगर निगम (वीवीसीएमसी) के पूर्व आयुक्त पवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जुलाई में तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी मुंबई के पास वीवीसीएमसी के अधिकार क्षेत्र में सरकारी और निजी भूमि पर 2009 से अवैध रूप से आवासीय और व्यावसायिक इमारतों के निर्माण के आरोपों की धनशोधन जांच के तहत की गई थी।वसई विरार सिटी नगर निगम (वीवीसीएमसी) के पूर्व आयुक्त पवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जुलाई में तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी मुंबई के पास वीवीसीएमसी के अधिकार क्षेत्र में सरकारी और निजी भूमि पर 2009 से अवैध रूप से आवासीय और व्यावसायिक इमारतों के निर्माण के आरोपों की धनशोधन जांच के तहत की गई थी।
सभी चार आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि संघीय जांच एजेंसी ने उनके खिलाफ मुंबई में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में आरोपपत्र दायर किया है और अदालत ने अब तक इस पर संज्ञान नहीं लिया है।
ईडी ने आरोप लगाया कि पवार ने ‘‘पहले से बनी अवैध इमारतों को संरक्षण देने के लिए रिश्वत लेने हेतु एक गिरोह बनाया और चल रहे अनधिकृत निर्माणों पर आँखें मूंद लीं।’’
ईडी ने दावा किया, ‘‘यह गिरोह वीवीसीएमसी के अधिकार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार है।’’
साथ ही ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि अवैध निर्माण परियोजनाओं पर 150 रुपये प्रति वर्ग फुट की ‘निश्चित’ कमीशन दर लागू की गई थी, जिसमें से निर्मित क्षेत्र के लिए 50 रुपये प्रति वर्ग फुट की दर से पवार को ‘सीधे’ हिस्सा मिलता था।
ईडी ने कहा कि कथित अपराध की अधिकांश आय पवार ने अपनी पत्नी, बेटियों और अन्य रिश्तेदारों के नाम पर अचल संपत्तियों में निवेश की है।
एजेंसी ने कहा कि उसने पीएमएलए के तहत 71 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने का एक अनंतिम आदेश जारी किया है। इसमें से पवार की संपत्ति का मूल्य 44 करोड़ रुपये है, जबकि बाकी संपत्ति सीताराम गुप्ता नाम के एक व्यक्ति और कुछ अन्य लोगों की है।