बिलकीस बानो मामले के दोषियों के पक्ष में अनुच्छेद 142 को लागू नहीं किया जा सकता: न्यायालय

राष्ट्रीय
Spread the love
Facebook
Twitter
Linkedin
Pinterest
Whatsapp

नयी दिल्ली, आठ जनवरी (ए)। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को बिलकीस बानो मामले में दोषियों की स्वतंत्रता की सुरक्षा और उन्हें जेल से बाहर रहने देने की याचिका को स्वीकार करने से इनकार करते हुए कहा कि जहां कानून का शासन लागू करने की आवश्यकता होती है, वहां करुणा और सहानुभूति की कोई भूमिका नहीं होती है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि कानून के प्रभाव में लोगों का विश्वास कानून के शासन को बनाए रखने के लिए रक्षक और सहायक है।न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्ल भुइयां की पीठ ने कहा कि न्याय सर्वोपरि है और समाज के लिए लाभकारी होना चाहिए।

उसने कहा कि अदालतें समाज के लिए होती हैं और मामले में जरूरी कार्रवाई के लिए उन्हें इस अवसर पर सक्रियता दिखानी होगी।

पीठ ने कहा, ‘‘हम प्रतिवादी संख्या 3 से 13 (दोषियों) के पक्ष में उन्हें जेल से बाहर रहने की अनुमति देने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 का उपयोग नहीं कर सकते क्योंकि यह कानून के शासन की अनदेखी करने के लिए इस न्यायालय के अधिकार का एक उदाहरण होगा और इसके बजाय उन लोगों की सहायता करेगा जो उन आदेशों के लाभार्थी हैं जो हमारे विचार में, अमान्य हैं और इसलिए कानून की नजर में गैर-स्थायी (अस्तित्व में नहीं) हैं।’’

Facebook
Twitter
Whatsapp