मुंबई: 27 मई (ए)।
कई मराठी टीवी चैनलों पर महिला के आरोपों के संबंध में खबर दिखाई गई जिसके बाद महिला ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।महिला ने कहा,‘‘ यह मेरा निजी मामला है। मैं इसे बंद करना चाहती हूं और इसे आगे नहीं बढ़ाना चाहती।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं नोटिस वापस ले रही हूं।’’
महिला ने अपने वकील चंद्रकांत थोम्बरे के माध्यम से सिद्धांत को कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें महिलाओं के खिलाफ अत्याचार से संबंधित कानूनों के तहत कार्रवाई की धमकी दी गई। उसने सिद्धांत से 50 लाख रुपये का मुआवजा भी मांगा।
नोटिस में कहा गया है कि वह और सिद्धांत 2018 में एक दूसरे के संपर्क में आए और 2022 में उन्होंने शादी कर ली। नोटिस में कहा गया है कि वे मुंबई के उपनगरीय चेंबूर में एक फ्लैट में पति-पत्नी के रूप में रहते थे।
नोटिस में दावा किया गया है कि वह गर्भवती हो गई, लेकिन उस पर गर्भपात के लिए दबाव डाला गया। इसमें कहा गया है कि महिला को भावनात्मक रूप से ब्लैकमेल किया गया और मानसिक यातना दी गई और उसे छत्रपति संभाजीनगर में सिद्धांत के घर जाने से रोका गया।
नोटिस में दावा किया गया है कि सिद्धांत ने धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को उनके रिश्ते के बारे में बताया तो इससे उसके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा और वह आत्महत्या कर लेगा।
नोटिस में कहा गया है कि महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन मंत्री के दबाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई। यह मंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना से हैं।
शिवसेना (उबाठा) की उपनेता सुषमा अंधारे ने कहा कि महिला ने ‘‘दबाव में आकर अपना बयान वापस ले लिया है’’ और उसे सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने कहा कि संजय शिरसाट और शिंदे को महिला के दावों पर अपने विचार सार्वजनिक करने चाहिए।
महिला के आरोपों पर सिद्धांत की ओर से अभी तक कोई टिप्पणी नहीं आई है।