नयी दिल्ली: दो अगस्त (ए)
कांग्रेस नेता ने पार्टी के विधि विभाग द्वारा विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यह टिप्पणी की।
राहुल गांधी जब कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए खड़े हुए तो वहां मौजूद लोग “देश का राजा कैसा हो, राहुल गांधी जैसा हो” के नारे लगाने लगे। इस पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने उन्हें टोका और कहा, “मैं राजा नहीं हूं और मैं राजा बनना भी नहीं चाहता।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा, “मैं राजा की परिकल्पना के भी खिलाफ हूं।”राहुल गांधी ने आगे कहा कि उनकी लड़ाई लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए है, क्योंकि लोकतंत्र में हर व्यक्ति बराबर होता है और किसी को भी राजा बनाने की सोच सही नहीं है।राहुल गांधी ने कहा कि वकीलों ने आजादी की लड़ाई में बड़ी भूमिका निभाई थी और कांग्रेस पार्टी की नींव भी वकीलों ने ही रखी है। उन्होंने इस दौरान कहा, ‘अगर वकील नहीं होते, तो देश को न आज़ादी मिलती और न ही संविधान बन पाता।’ बता दें कि कांग्रेस के कई बड़े नेता वकालत के पेशे से जुड़े रहे हैं। इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जैसे कई नाम शामिल हैं। अभी भी कांग्रेस के कई बड़े नेता देश के नामी वकील हैं। उनमें अभिषेक मनु सिंघवी और सलमान खुर्शीद जैसे नाम शामिल हैं।राहुल गांधी ने इस दौरान कार्यकर्ताओं को कांग्रेस पार्टी की रीढ़ बताते हुए कहा कि आप कार्यकर्ताओं ने ही यह पार्टी बनाई है और देश बनाया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में धांधली का दावा दोहराते हुए कहा, ‘चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संवैधानिक ईकाई के तौर पर काम नहीं कर रही है। लोकसभा चुनाव में धांधली हुई थी और हमारे पास इसके पर्याप्त सबूत हैं। जल्द ही यह सबूत देश के सामने पेश करेंगे।’