राष्ट्रीय महिला आयोग को जुलाई में 2,914 शिकायतें मिलीं

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नयी दिल्ली, नौ अगस्त (ए) राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को इस साल जुलाई में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 2,914 शिकायतें मिलीं, जो नवंबर 2018 के बाद सबसे ज्यादा हैं जब देश में ‘मीटू’ आंदोलन अपने चरम पर था।

राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, अकेले जुलाई में घरेलू हिंसा की 660 शिकायतें मिलीं।

2,914 शिकायतों में से, 774 गरिमा के साथ जीने के अधिकार की उपधारा के तहत प्राप्त हुईं। गरिमा के साथ जीने के अधिकार की उपधारा महिलाओं के भावनात्मक शोषण को ध्यान में रखती है।

जुलाई में प्राप्त शिकायतों की संख्या नवंबर 2018 से सबसे अधिक थीं जब देश में ‘मीटू’ आंदोलन अपने चरम पर था। नवंबर 2018 में आयोग को 3,339 शिकायतें मिली थीं।

एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा के अनुसार शिकायतों में वृद्धि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आयोग की बढ़ती गतिविधि के चलते हुई है।

उन्होंने कहा, “शिकायतें बढ़ी हैं क्योंकि हम सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय हैं और हम ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी मामले दर्ज कर रहे हैं। हमारे पास मामलों की जानकारी देने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर है जो पहले नहीं था।’’

राज्यों में से, कुल शिकायतों में से आधी से अधिक यानि 1,461 शिकायतें उत्तर प्रदेश में दर्ज की गईं, इसके बाद दिल्ली में यह संख्या 338 है।

आंकड़ों के अनुसार, दूसरी सबसे अधिक 660 शिकायतें घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा के तहत प्राप्त हुईं।

आंकड़ों के अनुसार विवाहित महिलाओं के उत्पीड़न और दहेज उत्पीड़न की 493 शिकायतें थीं।

आंकड़ों के अनुसार, आयोग को महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता की 146 शिकायतें और साइबर अपराध की 110 शिकायतें मिली।

आंकड़ों में दिखाया गया है कि आयोग को इस साल जुलाई में बलात्कार और बलात्कार के प्रयास की 148 शिकायतें प्राप्त हुईं, जबकि यौन उत्पीड़न की 50 शिकायतें मिलीं।

शर्मा ने महिलाओं को इसके लिए प्रोत्साहित किया कि वे जब चाहें एनसीडब्ल्यू से सम्पर्क कर सकती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘एनसीडब्ल्यू महिलाओं की भलाई के लिए काम कर रहा है ताकि वे किसी भी समय, किसी भी दिन हम तक पहुंच सकें।’’

आयोग को जून में 2,043 शिकायतें मिलीं।

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