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वर्ष 1951 से अब तक कम से कम 35 उम्मीदवारों ने हासिल की निर्विरोध जीत

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नयी दिल्ली: 22 अप्रैल (ए) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुकेश दलाल बीते 12 साल में लोकसभा चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल करने वाले पहले उम्मीदवार बन गए हैं। वह लोकसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा के संभवत: पहले उम्मीदवार बन गये हैं।

सूरत संसदीय क्षेत्र से उनकी जीत से पहले अरुणाचल प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा के 10 उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया।एक चुनाव अधिकारी ने कहा कि सभी अन्य उम्मीदवारों के नामांकन वापस लेने के बाद दलाल सोमवार को निर्विरोध निर्वाचित हो गए।

इससे एक दिन पहले जिला निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभणी के प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाईं, जिसके बाद उनकी उम्मीदवारी खारिज कर दी गई।

सात चरण में हो रहे लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की यह पहली जीत है।

अठारहवीं लोकसभा के लिए दलाल के निर्विरोध चुनाव के पहले 1951 से अब तक हुए संसदीय चुनाव में कम से कम 34 अन्य उम्मीदवारों को बिना मुकाबला किए जीत हासिल हुई थी।

समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव को 2012 में कन्नौज लोकसभा सीट के उपचुनाव में निर्विरोध जीत मिली। उनके पति अखिलेश यादव के उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद यह सीट खाली हुई थी।

आम चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल करने वाले अन्य नेताओं में वाई.बी. चव्हाण, फारूक अब्दुल्ला, हरेकृष्ण महताब, टीटी कृष्णामाचारी, पी एम सईद और एस सी जमीर का नाम शामिल है।

अब तक कांग्रेस पार्टी के सबसे अधिक उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की है। सिक्किम और श्रीनगर लोकसभा सीट पर अब तक दो बार निर्विरोध निर्वाचन देखने को मिला है ।

अधिकतर उम्मीदवार सामान्य या नियमित चुनावों में निर्विरोध चुनाव जीते हैं जबकि डिंपल यादव समेत कम से कम नौ नेताओं ने उपचुनावों में निर्विरोध जीत हासिल की है। 1957 के आम चुनाव में अधिकतम सात उम्मीदवार निर्विरोध जीते, उसके बाद 1951 और 1967 के चुनावों में पांच-पांच उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत दर्ज की। 1962 में तीन और 1977 में दो जबकि 1971, 1980 और 1989 में एक-एक उम्मीदवार ने बिना किसी विरोध के जीत हासिल की।

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