नागपुर: नौ अगस्त (ए)
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि शिंदे अपने पत्ते गुप्त रखना पसंद करते हैं और अपने फैसले से कभी पीछे नहीं हटते।शिंदे की दिल्ली में हुई बैठकों और क्या उनकी ओर से विपक्ष को कोई संकेत दिए हैं को लेकर जब सवाल पूछा गया तो पवार ने नकारात्मक जवाब दिया।
पवार ने रहस्यमयी लहजे में कहा, ‘‘हम शिंदे साहब को कई सालों से जानते हैं। वह चुपचाप काम करना पसंद करते हैं और कभी कुछ करने से पीछे नहीं हटते। हम जल्द ही अनुमान लगा पाएंगे कि शिंदे कौन सा रास्ता अपनाएंगे।’’
शिंदे ने 2022 में शिवसेना का विभाजन कर दिया जिससे अविभाजित शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस द्वारा गठित मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई।
उन्होंने शिवसेना के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन का दावा किया और चुनाव आयोग ने उन्हें ‘असली शिवसेना’ के रूप में मान्यता दी।
‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में शिंदे ने जोर देकर कहा कि भाजपा-शिवसेना-राकांपा महायुति गठबंधन आगामी स्थानीय निकाय चुनाव मिलकर लड़ेगा और विजयी होने का विश्वास व्यक्त किया।
पवार ने कहा कि अनुशासन आरएसएस और उसके सहयोगियों की विशेषता है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे कोई निर्णय लेते हैं, तो उसे लागू करने की कोशिश करते हैं। आरएसएस ने कई वर्षों से अनुशासन की इस संस्कृति को बनाए रखा है। मुझे लगता है कि वे अनुशासन का पालन करना जारी रखेंगे।’’