नयी दिल्ली: 15 जुलाई (ए)
शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिनों के प्रवास के बाद मंगलवार को पृथ्वी पर लौटे।सिंह ने ‘ बताया, ‘कुछ मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जाना है… उनका पुनर्वास, डीब्रीफिंग सत्र और इसरो की टीम के साथ कई चर्चाएं। हम 17 अगस्त तक उनके दिल्ली पहुंचने की उम्मीद कर सकते हैं।’
इस मिशन को ‘अभूतपूर्व’ बताते हुए सिंह ने कहा कि कक्षीय प्रयोगशाला में अपने प्रवास के दौरान शुक्ला द्वारा किए गए प्रयोग मानव अस्तित्व और सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में जीवन से निकटता से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘ये प्रयोग न केवल भारतीयों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए उपयोगी होंगे।’
सिंह ने कहा, ‘‘यह भारत के लिए अत्यंत खुशी का क्षण है कि भारत माता का एक योग्य सपूत आज सफलतापूर्वक लौट आया है।’’
मंत्री ने कहा कि शुक्ला की यात्रा वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है।
सिंह ने कहा, ‘जैसा कि प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी हमें हमेशा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत के बारे में सिखाते हैं और हमें याद दिलाते हैं कि भारत को एक वैश्विक मित्र के रूप में अपनी भूमिका निभानी चाहिए, आज शुभांशु ने सही मायने में वैश्विक मंच पर भारत के प्रतिनिधि के रूप में काम किया है। उन्होंने इसी भावना के साथ इस मिशन को अंजाम दिया।’
भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन और लखनऊ के मूल निवासी शुक्ला, राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय और आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय हैं।
भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय अधिकारी और टेस्ट पायलट शुक्ला ने ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान थी, जिसे इसरो और नासा का समर्थन प्राप्त था तथा इसे एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित किया गया।