भदोही (उप्र): 24 अगस्त (ए)
परिवार के सदस्यों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा पूछताछ के बाद कथित तौर पर हिंदी तक नहीं पढ़ पाने वाले रामशंकर को दिल्ली पुलिस ने रविवार को उसके परिवार को सौंप दिया। रामशंकर बिंद के बड़े भाई उमेश कुमार ने बताया कि वह हिंदी नहीं पढ़ सकता और सूरत से घर लौटते समय शायद गलती से दिल्ली जाने वाली ट्रेन में चढ़ गया होगा।
उन्होंने कहा, ‘रामशंकर की पत्नी मंजू ने हाल में एक बेटी को जन्म दिया और वह उससे मिलने के लिए भदोही स्थित गांव लौट रहा था।’
उमेश ने आशंका जताई कि उसके भाई ने किसी अज्ञात खतरे से बचने के लिए संसद भवन में घुसने की कोशिश की होगी। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मियों ने शुक्रवार सुबह उसे पकड़ा था जिसके बाद, दिल्ली पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों ने भी उससे पूछताछ की।
परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि अधिकारियों को उसके खिलाफ कोई आपत्तिजनक या संदिग्ध सबूत नहीं मिला और बाद में उसे उसके पिता शिव कुमार बिंद को सौंप दिया गया। वह अब सूर्यभानपुर गांव में अपने घर लौट आया है।
कोइरौना थानाक्षेत्र के सूर्यभानपुर गांव के निवासी आरोपी युवक राम शंकर बिंद के पिता शिव कुमार बिंद ने बताया कि उसके दो बेटे उमेश और राम शंकर गुजरात के सूरत शहर में साड़ी के एक कारखाने में काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि राम शंकर की पत्नी मंजू देवी ने 12 दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया है, जिसे देखने राम 18 अगस्त को सूरत से यहां आ रहा था।
उन्होंने कहा कि राम शंकर कैसे दिल्ली पहुंच गया, यह जानकारी किसी को नहीं है।
राम शंकर की मां समला देवी ने कहा कि वह किसी नासमझी में ऐसा कर बैठा है।
शिव कुमार ने बताया कि उनका सबसे बड़ा बेटा उमेश बीमार है और उसका इलाज किया जा रहा है जबकि दो अन्य बेटे कन्हैया (14) और कृष्णा (10) मानसिक रूप से कमजोर हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे में राम शंकर ही परिवार की रोजी रोटी का एकमात्र सहारा है।
दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि राम शंकर बिंद ने शुक्रवार की सुबह संसद भवन की दीवार पर चढ़ने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।