सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में भारत की प्रगति में दोहरी रणनीति का योगदान : नीति उपाध्यक्ष

अंतरराष्ट्रीय
Spread the love

संयुक्त राष्ट्र: 20 जुलाई (ए) नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा है कि विभिन्न सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में भारत की प्रगति दोहरी रणनीति की वजह से संभव हुई है।

उन्होंने कहा कि इसमें मजबूत सुरक्षा तंत्र और ऐसे सुधार शामिल हैं जिसमें अधिक अनुकूल माहौल के जरिये वृद्धि को प्रोत्साहन मिला है।

बेरी ने बताया कि 2013-14 और 2022-23 के बीच के दशक में 24 करोड़ भारतीयों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है। साथ ही 2015 के बाद से सामाजिक सुरक्षा दायरा (कवरेज) दोगुना से भी अधिक हो गया है।

बेरी ने शुक्रवार को नीति आयोग के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूतावास द्वारा सतत विकास पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) के दौरान आयोजित ‘एसडीजी: एजेंडा 2030 के लिए गति को बनाए रखना’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भारत सतत विकास लक्ष्यों के तहत मातृ, शिशु और शिशु मृत्यु दर से संबंधित स्वास्थ्य लक्ष्यों को 2030 से पहले हासिल करने की राह पर है।

सतत विकास लक्ष्य 2030 तक हासिल किए जाने हैं।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘भारत में हमारी प्रगति एक दोहरी रणनीति से संभव हुई है – सबसे कमजोर लोगों की सुरक्षा के लिए मजबूत तंत्र और अधिक अनुकूल वातावरण और कारोबार सुगमता के जरिये वृद्धि को बढ़ावा देने वाले सुधार। इसी वजह से आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है।’’

उन्होंने कहा कि जलवायु कार्रवाई के संदर्भ में भारत ने अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त करके अपनी ऊर्जा बदलाव यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जो पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के तहत निर्धारित लक्ष्य से पांच साल पहले है।

बेरी ने कहा कि ये उपलब्धियां इस बात का संकेत हैं कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए एक वितरण तंत्र स्थापित किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को गंभीरता से लेता है।’’