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सिद्धरमैया के शपथग्रहण समारोह में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, विपक्षी नेता होंगे शामिल

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बेंगलुरु, 19 मई (ए) कर्नाटक विधानसभा चुनावों में मिली जीत के ठीक एक सप्ताह बाद सिद्धरमैया शनिवार को यहां दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। उनके साथ डी.के. शिवकुमार उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। .

स्थानीय श्री कांतीरवा स्टेडियम में मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के साथ ही कुछ विधायक भी मंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और शिवकुमार पार्टी आलाकमान के साथ नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों के नामों और विभागों के आवंटन पर चर्चा के लिए दिल्ली गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष एम. मल्लिकार्जुन खरगे ने समान विचारधारा वाले कई दलों के नेताओं को शपथ-ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित किया है। राज्यपाल थावरचंद गहलोत मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल को दोपहर साढ़े 12 बजे कांतीरवा स्टेडियम में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।.

इसी स्टेडियम में सिद्धरमैया ने 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

देश में 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबले के लिए एकता के प्रयासों के बीच यह आयोजन विपक्षी दलों के लिए शक्ति प्रदर्शन का अवसर बन सकता है।

इससे पहले दिल्ली में संवाददाताओं ने जब पूछा कि कितने विपक्षी नेता शपथ-ग्रहण में शामिल होंगे तो शिवकुमार ने कहा, “हमने अपने एआईसीसी अध्यक्ष से इसे देखने का अनुरोध किया है, हमारे लिए पहले कांग्रेस अध्यक्ष और गांधी परिवार हैं, हम उन्हें व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित करने के लिए यहां हैं।”

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को सिद्धरमैया को अगले मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार को एकमात्र उपमुख्यमंत्री के रूप में नामित किया।

बाद में कांग्रेस विधायक दल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में सिद्धरमैया को औपचारिक रूप से उसका नेता चुन लिया गया। इसके बाद सिद्धरमैया (75) ने राज्यपाल के समक्ष दावा पेश किया, जिन्होंने सरकार गठन के लिए उन्हें (सिद्धरमैया को) आमंत्रित किया।

सिद्धरमैया 2013 में पांच साल के कार्यकाल के बाद कल दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं पूर्व में सिद्धरमैया की सरकार में मंत्री रहे 61-वर्षीय शिवकुमार अगले वर्ष संसदीय चुनावों तक कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने रहेंगे।

सिद्धरमैया के सामने पहला चुनौतीपूर्ण काम सही संयोजन के साथ एक मंत्रिमंडल की स्थापना करना है, जो सभी समुदायों, क्षेत्रों, गुटों और विधायकों की पुरानी और नयी पीढ़ी के प्रतिनिधियों के बीच संतुलन स्थापित करे।

कर्नाटक मंत्रिमंडल की स्वीकृत क्षमता 34 है, जबकि मंत्री पद आकांक्षी काफी अधिक हैं।

खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, कांग्रेस के कई मुख्यमंत्रियों और नेताओं के इस कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है।

खरगे ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को आमंत्रित किया है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला सहित विभिन्न नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया है।

उम्मीद है कि कल शपथ ग्रहण के बाद पहली कैबिनेट बैठक में नई सरकार ‘पांच गारंटी’ को लागू करने के लिए कदम उठा सकती है।

कांग्रेस ने कर्नाटक में सत्ता में आने के बाद पहले दिन ‘पांच गारंटी’ लागू करने का वादा किया है। इन वादों में सभी घरों को 200 यूनिट मुफ्त बिजली (गृह ज्योति), हर परिवार की महिला मुखिया (गृह लक्ष्मी) को 2,000 रुपये मासिक सहायता, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के परिवार के प्रत्येक सदस्य को 10 किलोग्राम मुफ्त चावल (अन्न भाग्य), बेरोजगार स्नातक युवाओं के लिए हर महीने 3,000 रुपये और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों (18-25 आयु वर्ग में) को दो साल के लिए 1,500 रुपये (युवा निधि) और सार्वजनिक परिवहन बसों (शक्ति) में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शामिल हैं।

मनोनीत उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने आज कहा, “जनता से किए वादों को पूरा करना हमारी पहली प्राथमिकता है।”

अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर के कई नेताओं और अन्य राज्यों के नेताओं की उपस्थिति के बीच कार्यक्रम बिना किसी बाधा के सुचारू रूप से चले यह सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम स्थल के भीतर और आसपास सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, कुल तीन मंच बनाए गए हैं और शपथ ग्रहण समारोह देखने के लिए लोगों के वास्ते एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं।

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