सिसोदिया का जांच में सहयोग का दावा, लेकिन सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध किया

राष्ट्रीय
Spread the love
FacebookTwitterLinkedinPinterestWhatsapp

नयी दिल्ली, 21 मार्च (ए) दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत से कहा कि उन्होंने कथित आबकारी नीति घोटाले की जांच में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का सहयोग किया है तथा किसी भी तलाशी के दौरान उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद नहीं हुआ है।.

सिसोदिया की जमानत याचिका पर दलील पेश करते हुए उनके वकील ने कहा कि आप नेता को हिरासत में लेकर पूछताछ की अब आवश्यकता नहीं है और उनके विदेश भागने का भी कोई खतरा नहीं है।

उनके वकील ने दलील दी, ‘‘मैं जनसेवक हूं, लेकिन उन दो अन्य जनसेवकों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, जिनके खिलाफ ज्यादा गंभीर आरोप हैं।’’

सिसोदिया के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ घूस लेने का कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं है और आबकारी नीति में परिवर्तन सामान्य प्रक्रिया है। सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने कहा कि आबकारी नीति में बदलाव से संबंधित फैसले को दिल्ली के उपराज्यपाल एवं वित्त सचिव तथा अन्य के पास भेजा गया था।

सिसोदिया के वकील ने अदालत से कहा कि कथित सभी अपराधों के लिए सात साल से कम की सजा का प्रावधान है और इसके मद्देनजर पूर्व उपमुख्यमंत्री को न्यायिक हिरासत में रखा जाना न्यायोचित नहीं है।

सीबीआई ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने ‘अभूतपूर्व’ 18 मंत्रालयों का जिम्मा संभाला है और भले ही उनके विदेश भागने का जोखिम न हो, लेकिन सबूत नष्ट होने का जोखिम निश्चित रूप से है।

सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री द्वारा बार-बार फोन बदलना कोई निर्दोष कृत्य नहीं है, बल्कि ऐसा मामले में सबूतों को नष्ट करने के लिए जानबूझकर किया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मामले में आरोप-पत्र दायर करने के लिए जांच एजेंसी के पास 60 दिन का समय है और अगर मनीष सिसोदिया बाहर आते हैं, तो जांच प्रभावित होगी।’’

उन्होंने कहा कि सिसोदिया निश्चित रूप से गवाहों को प्रभावित करने और मामले में सबूत नष्ट करने की स्थिति में हैं।

सीबीआई द्वारा जांच की जा रही आबकारी नीति मामले में दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत तीन अप्रैल तक बढ़ा दी थी।

वह फिलहाल एक संबंधित मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में हैं।

ईडी ने नौ मार्च की शाम सिसोदिया को तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था, जहां उन्हें 2021-22 के लिए अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित सीबीआई द्वारा जांच की जा रही मामले के सिलसिले में रखा गया था।

सीबीआई ने सिसोदिया को 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।

Facebook
Twitter
Whatsapp