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सीबीआई ने वसूली मामले में सत्येन्द्र जैन, पूर्व जेल महानिदेशक पर प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति मांगी

**EDS: FILE PHOTO** New Delhi: In this file photo dated July 24, 2018, then Delhi Health Minister Satyendar Jain at a press conference, in New Delhi. Jain was on Thursday, May 25, 2023, admitted to the Deen Dayal Upadhyay Hospital after he collapsed in Tihar Jail. (PTI Photo/Vijay Verma)(PTI05_25_2023_000045B)

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नयी दिल्ली, 13 नवंबर (ए) जेल में आरामदायक जिंदगी के बदले में सुकेश चंद्रशेखर समेत ‘‘हाई-प्रोफाइल’’ कैदियों से करोड़ों रुपये की कथित उगाही के मामले में सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व जेल मंत्री सत्येन्द्र जैन और पूर्व जेल महानिदेशक संदीप गोयल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सरकार से मंजूरी मांगी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।.

उन्होंने बताया कि जैन और जेल अधिकारी राजकुमार के खिलाफ मंजूरी का अनुरोध उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के कार्यालय को भेजा गया है, जबकि निलंबित आईपीएस अधिकारी गोयल और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी मुकेश प्रसाद के लिए केंद्रीय एजेंसी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क किया है।.अधिकारियों ने कहा कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1989 बैच के अधिकारी गोयल को उनके खिलाफ वसूली के आरोप लगने के बाद पिछले साल गृह मंत्रालय ने निलंबित कर दिया था।

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि उसके पास ‘सूत्र से मिली जानकारी’ है कि जैन, गोयल, प्रसाद और कुमार जेल में आरामदायक जिंदगी उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न ‘हाई-प्रोफाइल कैदियों’ से करोड़ों रुपये की उगाही कर रहे थे, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों को धोखा देने के आरोप का सामना कर रहा सुकेश चंद्रशेखर भी शामिल है।

गोयल की प्रतिक्रिया जानने के लिए उन्हें भेजे गए प्रश्न का कोई उत्तर नहीं मिला।

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के तहत किसी लोकसेवक के खिलाफ प्राथमिकी या मामला दर्ज करने से पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सरकार से मंजूरी की आवश्यकता होती है।

जैन और पूर्व जेल अधीक्षक राजकुमार के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए सक्सेना से अनिवार्य मंजूरी मांगते हुए सीबीआई ने आरोप लगाया है कि गोयल और प्रसाद के साथ-साथ संबद्ध अधिकारियों, निजी व्यक्तियों और सहयोगियों की मिलीभगत से दिल्ली की जेलों में ‘उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार और वसूली रैकेट’ चलाया जा रहा था।

सीबीआई ने सक्सेना को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘इन लोगों ने इसके लिए एक ‘सिंडिकेट’ के रूप में काम किया।’

इसने कहा है कि उसके पास ‘सूत्र से मिली जानकारी’ है कि जैन ने ‘जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर से 2018-21 के दौरान विभिन्न किस्तों में खुद या अपने साथियों के माध्यम से संरक्षण राशि के रूप में 10 करोड़ रुपये की कथित तौर पर उगाही की ‘, ताकि कथित ठग को जेल में आरामदायक जीवन उपलब्ध कराया जा सके।

चंद्रशेखर धनशोधन और कई लोगों को धोखा देने के आरोप में यहां एक जेल में बंद है।

सीबीआई के अनुसार, ‘गोयल और मुकेश प्रसाद ने भी जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर से 12.50 करोड़ रुपये की उगाही की। यह रकम उन्होंने 2019-22 के दौरान विभिन्न किस्तों में खुद या अपने सहयोगियों के माध्यम से संरक्षण राशि के रूप में प्राप्त की, ताकि जेल में सुकेश आरामदायक जीवन जी सके।”

एजेंसी ने आरोप लगाया कि गोयल और प्रसाद ने ‘जेल में बंद अन्य ‘हाई प्रोफाइल’ कैदियों से भी संरक्षण राशि के रूप में’ वसूली की, ताकि ये कैदी जेल में आराम से रह सकें।

इसने कहा है कि सेंट्रल जेल-4, तिहाड़ के तत्कालीन जेल अधीक्षक राजकुमार गोयल के करीबी सहयोगी थे और उन्होंने चंद्रशेखर से पैसे वसूलने में उनकी सहायता की।

सीबीआई ने आरोप लगाया कि जैन, गोयल, प्रसाद और कुमार ने लोकसेवकों के रूप में ‘अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग किया’ तथा ‘रकम के बदले’ दिल्ली की जेलों में चंद्रशेखर और अन्य ‘हाई प्रोफाइल’ कैदियों को ‘अनुचित लाभ पहुंचाया’।

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