10 साल नौकरी नहीं करने पर डॉक्टरों को देना होगा 1 करोड़’ के जुर्माने पर यूपी सरकार ने दी सफाई-बताया पुराना आदेश

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 12 दिसम्बर एएनएस। उत्तर प्रदेश के सरकारी संस्थानों से मेडिकल की पीजी की पढ़ाई करने के बाद 10 साल तक सरकारी नौकरी नहीं करने पर 1 करोड़ के जुर्माने वाली खबर पर राज्य सरकार ने आज स्पष्ट किया है कि यह आदेश पुराना है जो बर्ष 2017 में जारी किया गया था । यूपी के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को कहा है कि यह आज का नहीं बल्कि तीन साल पुराना आदेश है।
अमित मोहन प्रसाद ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘कुछ लोगों से सूचना मिली कि सोशल मीडिया पर एक खबर चली है कि जो डॉक्टर पीजी करते हैं, उसके बाद उन्हें 10 साल तक काम करना होगा वरना उन्हें 1 करोड़  रुपए की धनराशि जमा करनी होगी। ये कोई नई खबर नहीं है। ये शासनादेश 3 अप्रैल 2017 को ही जारी कर दिया गया था।’

गौरतलब है कि यह आज सुबह से ही सुर्खियों में है। दरअसल, सरकार अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरी करने के लिए नीट में छूट की व्यवस्था की है। इसका लाभ लेकर पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद ज्यादातर डॉक्टर राज्य में सरकारी नौकरी करने से बचते हैं। इसकी वजह से सरकार को विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने की योजना में सफलता नहीं मिल रही थी, जिस कारण 2017 में यह फैसला लिया गया था।
सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के करीब 15 हजार से ज्यादा पद सृजित हैं। करीब 11 हजार डॉक्टर तैनात हैं। ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में एक साल नौकरी करने वाले एमबीबीएस डॉक्टर को नीट पीजी प्रवेश परीक्षा में 10 अंकों की छूट दी जाती है। दो साल सेवा देने वाले डॉक्टरों को 20 और तीन साल वालों को 30 नम्बर तक की छूट दी जाती है। यह डॉक्टर पीजी के साथ डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के दाखिला ले सकते हैं। हर साल सरकारी अस्पतालों में तैनात सैकड़ों एमबीबीएस डॉक्टर पीजी में दाखिला लेते हैं।

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