वाराणसी (उप्र): 13 जून (ए)।
इस मामले के अधिवक्ता प्रेम प्रकाश गौतम ने बताया कि फास्ट ट्रैक कोर्ट (त्वरित अदालत) ने बृहस्पतिवार को 16 आरोपियों को हत्या, साजिश, दंगा और जानलेवा हमले के आरोप में दोषी ठहराया।
गौतम ने बताया कि यह घटना 12 अक्टूबर 2022 की रात की है, जब भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह ने अपने घर के पास स्थित देशी शराब की दुकान पर हो रही खुलेआम शराब बिक्री का विरोध किया था। उन्होंने शराब पी रहे युवकों को घर के बाहर शराब न पीने की सलाह दी थी।
अधिवक्ता ने बताया, ‘इस मामले पर बहस इतनी बढ़ गई कि कुछ ही देर में 30 से 40 हमलावरों ने लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से पशुपति सिंह पर हमला कर दिया। शोर सुनकर उन्हें बचाने आए उनके बेटे राजन सिंह पर भी हमलावरों ने बेरहमी से हमला किया। गंभीर रूप से घायल पिता-पुत्र को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पशुपति सिंह को मृत घोषित कर दिया।’
राजन सिंह को कई महीनों तक अस्पताल में रहकर इलाज करवाना पड़ा। बाद में उन्होंने लगातार इस मामले में पैरवी की। पुलिस ने इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिनमें से 16 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
गौतम ने बताया, ‘अपर सत्र न्यायाधीश कुलदीप सिंह की त्वरित अदालत ने शुक्रवार को सभी 16 आरोपियों को मामले में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।’
गौतम ने बताया कि बाकी दो आरोपियों के मामले अभी भी लंबित हैं।