तिनसुकिया/ईटानगर (असम): 11 दिसंबर (ए)
रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने दुर्घटना में एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति से प्राप्त सूचना के आधार पर बताया कि राज्य के पूर्वी हिस्से में स्थित अंजॉ जिले के हयूलियांग-चागलागम रोड पर यह दुर्घटना आठ दिसंबर को हुई। इस ट्रक पर तिनसुकिया जिले के 22 मजदूर सवार थे।
रावत ने एक बयान में कहा कि यह दुर्गम इलाका चागलागम से लगभग 12 किलोमीटर दूर है और वहां संपर्क सीमित है तथा दुर्घटना की जानकारी किसी भी स्थानीय एजेंसी, ठेकेदार या नागरिक को नहीं थी। बयान के अनुसार एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति ने जब आपबीती सुनाई तभी इसकी जानकारी मिली। उन्होंने कहा, ‘‘18 शव देखे गए हैं और उन्हें निकाला जा रहा है।
हयूलियांग के एडीसी ने अंजॉ के एसपी (पुलिस अधीक्षक) को सूचित कर दिया है, जो घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं।’’ रावत ने कहा कि ‘चिपरा जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स’ (जीआरईएफ) शिविर तक पहुंचने में कामयाब रहने वाले मजदूर से मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार तिनसुकिया से 22 मजदूरों को ले जा रहा एक ट्रक आठ दिसंबर की रात खाई में गिर गया।
पीआरओ ने बताया कि बृहस्पतिवार सुबह सेना के स्पीयर कोर ने कई खोज और बचाव दल, चिकित्सा दल, जीआरईएफ प्रतिनिधि, स्थानीय पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मी और हयूलियांग के एडीसी को सक्रिय किया। उन्होंने कहा, ‘‘चार घंटे की गहन तलाश के बाद पूर्वाह्न 11 बजकर 55 मिनट पर ट्रक को ‘केएम 40’ के पास सड़क से लगभग 200 मीटर नीचे एक स्थान पर देखा गया।
यह इलाका घने वृक्षों वाला है इसलिए वाहन न तो सड़क दिखाई दे रहा था और न ही हेलीकॉप्टर से।’’ उन्होंने कहा, “कठिन भूभाग और कम दृश्यता के बावजूद, भारतीय सेना नागरिक प्रशासन और अन्य एजेंसियों के समन्वय से शेष व्यक्तियों का पता लगाने और तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।”इससे पहले तिनसुकिया जिले के आयुक्त स्वप्निल पॉल ने ‘ बताया कि उन्हें पूर्वाह्न करीब 11 बजे सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने पुष्टि के लिए अंजॉ और तेजू के जिला आयुक्तों से संपर्क किया। घटनास्थल की ओर रवाना हो रहे तिनसुकिया क्षेत्राधिकारी जयदीप राजक ने कहा, ‘‘शुरुआती जानकारी के अनुसार ये मजदूर हयूलियांग में निजी ठेकेदार के लिए एक परियोजना में काम कर रहे थे।