1984 सिख विरोधी दंगा मामला: पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा

राष्ट्रीय
Spread the love
FacebookTwitterLinkedinPinterestWhatsapp

नयी दिल्ली: 25 फरवरी (ए) दिल्ली की एक अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगे से जुड़े हत्या के एक मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को मंगलवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने एक नवंबर, 1984 को जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप सिंह की कथित हत्या के मामले में यह फैसला सुनाया।

शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी और अभियोजन पक्ष ने कुमार के लिए मौत की सजा की मांग की थी।हत्या के अपराध में अधिकतम सजा मृत्युदंड होती है, जबकि न्यूनतम सजा आजीवन कारावास होती है।

अदालत ने 12 फरवरी को कुमार को अपराध के लिए दोषी ठहराया और मृत्युदंड की सजा वाले मामलों में ऐसी रिपोर्ट के अनुरोध के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय के आदेश के मद्देनजर तिहाड़ केंद्रीय जेल से कुमार के मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन पर रिपोर्ट मांगी।

कुमार फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है।

पंजाबी बाग थाने ने मामला दर्ज किया था हालांकि बहुत बाद में एक विशेष जांच दल ने जांच अपने हाथ में ले लिया।

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि घातक हथियारों से लैस एक बड़ी भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का बदला लेने के लिए बड़े पैमाने पर लूटपाट, आगजनी और सिखों की संपत्ति को नष्ट किया।

अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि भीड़ ने शिकायतकर्ता जसवंत की पत्नी के घर पर हमला किया, जिसमें सामान लूटने और उनके घर को आग लगाने के अलावा पुरुषों की हत्या कर दी गई।

FacebookTwitterWhatsapp