प्रयागराज: 28 मई (ए)।
इससे पूर्व, रामलाल यादव बनाम उत्तर प्रदेश सरकार (1989) के मामले में सात न्यायाधीशों की पीठ ने व्यवस्था दी थी कि प्राथमिकी रद्द करने के लिए सीआरपीसी की धारा 482 के तहत अर्जी पोषणीय (सुनवाई योग्य) नहीं होगी और उचित उपचार यह होगा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत याचिका दायर की जाए।