अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह ईरान के खिलाफ युद्ध में इजराइल का साथ देने के बारे में दो सप्ताह में फैसला लेंगे। हालांकि उन्होंने महज दो दिन में फैसला कर लिया और अमेरिका ने इजराइल के अभियान में शामिल होते हुए रविवार तड़के ईरान पर हमला कर दिया।अमेरिका के हमलों के बाद विभिन्न देशों और संगठनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि वह ईरान के परमाणु केंद्रों पर अमेरिका के बम हमलों से बेहद चिंतित हैं।
गुतारेस ने एक बयान में कहा, ‘‘इस बात का जोखिम है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है जिसके नागरिकों, क्षेत्र और दुनिया के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘मैं सदस्य देशों से तनाव कम कराने की अपील करता हूं। इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है। कूटनीति ही कोई हल निकाल सकती है।’’
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने रविवार को“सभी पक्षों से वार्ता की ओर लौटने” का आग्रह किया।
उन्होंने संवाददाताओं को यह नहीं बताया कि न्यूजीलैंड राष्ट्रपति ट्रंप की कार्रवाई का समर्थन करता है या नहीं।
उन्होंने कहा कि यह संकट, ‘‘ अब तक का सबसे गंभीर संकट है और इसे आगे बढ़ने से रोका जा सकता है।’’
उन्होंने कहा, “कूटनीति सैन्य कार्रवाई की तुलना में अधिक स्थायी समाधान प्रदान करेगी।”
चीन के सरकारी मीडिया ने सवाल किया कि क्या अमेरिका ईरान में वही गलती दोहरा रहा है, जो उसने इराक में की थी।
चीन के सरकारी प्रसारक की विदेशी शाखा ‘सीजीटीएन’ के ऑनलाइन लेख में कहा गया है कि अमेरिकी हमले एक खतरनाक मोड़ को दर्शाते हैं।