सिवान: 22 जून (ए) बिहार में एक सप्ताह से भी कम समय में पुल ढ़हने की एक दूसरी घटना शनिवार को सामने आयी। सिवान जिले में एक छोटा पुल ढ़ह गया लेकिन इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ।
सिवान के जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने ‘ बताया, ‘‘यह पुल दरौंदा और महाराजगंज प्रखंडों के बीच से गुजर रही एक नहर पर बनाया गया था जो सुबह लगभग पांच बजे अचानक ढह गया। इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ। यह एक बहुत पुरानी संरचना थी और जाहिर तौर पर नहर में पानी छोड़े जाने पर खंभे धंस गए। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जब तक इसे बहाल नहीं किया जाता है, तबतक प्रभावित गांवों के निवासियों को यथासंभव कम से कम असुविधा हो।’’
जिलाधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। यह पुल बहुत पुराना था और संभवत: नहर से पानी छोड़े जाने पर खंभे ढह गए। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि जब तक इस पुल को बहाल नहीं कर दिया जाता, तब तक प्रभावित गांवों के निवासियों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।’’
दरौंदा के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सूर्य प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘स्थानीय लोगों का दावा है कि पुल का निर्माण 1991 में तत्कालीन महाराजगंज विधायक उमाशंकर सिंह के योगदान से हुआ था।’’
महाराजगंज के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट अनिल कुमार ने पुष्टि की कि ‘‘20 फुट लंबी ईंट की संरचना’’ विधायक के स्थानीय क्षेत्र विकास निधि के माध्यम से बनाई गई थी।
कुमार ने कहा, ‘‘जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।’’
इससे पहले मंगलवार को अररिया जिले में करीब 180 मीटर लंबा एक नवनिर्मित पुल ढह गया था, जिसके बाद ग्रामीण निर्माण विभाग ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी थी।
गौरतलब है कि बिहार में नदियों और अन्य जल निकायों पर बने बड़े और छोटे पुलों से जुड़ी कई दुर्घटनाएं हुई हैं। हालांकि ऐसी घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन इनसे सार्वजनिक कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।