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झारखंड के लगभग 32 विधायक रायपुर पहुंचे

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रायपुर, 30 अगस्त (ए) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने की आशंका के बीच राज्य में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के लगभग 32 विधायक मंगलवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे।

छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं ने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस के लगभग 32 विधायक आज शाम विशेष विमान से रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचे। इनमें कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं।

कांग्रेस नेताओं ने बताया कि विधायकों के रायपुर पहुंचने के बाद सुरक्षा के साथ बसों में उन्हें नवा रायपुर स्थित मेफेयर रिसॉर्ट के लिए रवाना किया गया। विधायकों के साथ छत्तीसगढ़ के स्थानीय नेता भी मौजूद थे।

कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि विधायकों को खरीद-फरोख्त के प्रयासों से बचाने के लिए उन्हें रायपुर भेजा गया है। कांग्रेस के एक नेता ने यहां बताया कि विधायक शाम करीब साढ़े पांच बजे विमान से राजधानी रायपुर के स्वामी विवेकानंद हवाईअड्डा पहुंचे। उन्होंने बताया कि विधायकों को नवा रायपुर के एक रिसॉर्ट में भेजने के लिए विमानतल में बसों की व्यवस्था की गई थी। उन्होंने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके साथ नहीं थे।

उन्होंने बताया कि झारखंड के विधायकों के बसों को सुरक्षा वाहनों के साथ विमानतल से लगभग 10 किलोमीटर दूर मेफेयर रिसॉर्ट ले जाया गया। झारखंड के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद के मामले में निर्वाचन आयोग में याचिका लगाई थी। निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया है।

इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि जहां गैर भाजपा सरकारें हैं वहां अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है तथा सरकारों को आतंकित करने की कोशिश की जा रही है।

झामुमो का मानना है कि भाजपा महाराष्ट्र की तरह सरकार गिराने के लिए अपने और कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में करने का गंभीर प्रयास कर सकती है, इसलिए विधायकों को सुरक्षित जगह में रखने की जरूरत है।

पिछले डेढ़ वर्ष में यह तीसरी बार है जब कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के विधायकों को खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच रायपुर भेजा गया है।

इससे पहले इस वर्ष 10 जून को राज्यसभा चुनावों में क्रॉस-वोटिंग की आशंका के बीच, हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने विधायकों को रायपुर स्थानांतरित किया था।

वहीं अप्रैल वर्ष 2021 में असम विधानसभा चुनाव में मतगणना से पहले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के उम्मीदवारों को रायपुर लाया गया था। बीपीएफ असम विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में सहयोगी था।

झारखंड के 81 सदस्यीय विधानसभा में संप्रग के 49 विधायक हैं जिनमें झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद का एक विधायक है। वहीं विधानसभा में भाजपा के 26 विधायक हैं।

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