प्रयागराज: 25 सितंबर (ए)
शुमैला खान की रिट याचिका पर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अब्दुल शाहिद की पीठ ने बुधवार को यह आदेश दिया।
शुमैला खान ने अपने खिलाफ 14 जनवरी, 2025 को दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध के साथ यह याचिका दायर की थी. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि खान एक पाकिस्तानी नागरिक है और वह अवैध रूप से भारत में रह रही है. प्राथमिकी में यह भी आरोप लगाया गया है कि वह फर्जी निवास प्रमाण पत्र के आधार पर बरेली के फतेहगंज ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय (माधोपुर) में बतौर सहायक अध्यापिका कार्यरत है.
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि उनकी मुवक्किल के निवास प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने के खिलाफ पहले ही रिट याचिका 5658 (2025) (शुमैला खान उर्फ फुरकाना बनाम उत्तर प्रदेश सरकार) लंबित है जिसमें पर्याप्त सुनवाई हो चुकी है. इस पर अदालत ने कहा, “हम रिट संख्या 5658 के साथ इस मामले को संलग्न करते हैं और चूंकि यह मुद्दा याचिकाकर्ता की नागरिकता से जुड़ा है, हम यह व्यवस्था देते हैं कि सुनवाई की अगली तिथि तक याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाए.” अदालत ने इस मामले की सात अक्टूबर, 2025 को अगली सुनवाई तय की।