इससे पहले यह योजना केवल 12वीं कक्षा पास कर चुके बेरोजगार युवाओं के लिए ही लागू थी।कुमार ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि राज्य सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्व में संचालित ‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना’ का विस्तार किया गया है। इसके अंतर्गत इंटर उत्तीर्ण युवक/युवतियों को पहले से दी जा रही स्वयं सहायता भत्ता योजना का लाभ अब कला, विज्ञान एवं वाणिज्य में उत्तीर्ण स्नातक बेरोजगार युवक-युवतियों को भी दिए जाने का निर्णय लिया गया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘20-25 आयु वर्ग के उन स्नातक उत्तीर्ण युवक-युवतियां को भी 1000 रुपये प्रतिमाह की दर से अधिकतम दो वर्षों तक मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता का भुगतान किया जाएगा जो कहीं अध्ययनरत नहीं हैं तथा नौकरी-रोजगार हेतु प्रयास कर रहे हैं, उनका कोई स्वरोजगार नहीं है अथवा सरकारी, निजी, गैर सरकारी नियोजन प्राप्त नहीं है।
नीतीश कुमार ने उम्मीद जताई कि इस सहायता भत्ता का उपयोग युवक-युवतियां आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करने तथा प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियों में करेंगे ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो सके।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार की इस दूरदर्शी पहल का उद्देश्य है कि राज्य के युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिले। यहां के शिक्षित युवा आत्मनिर्भर, दक्ष और रोजगारोन्मुखी बनें और देश एवं राज्य के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नवंबर 2005 में नयी सरकार बनने के बाद से ही अधिक से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देना तथा उन्हें सशक्त और सक्षम बनाना हम लोगों की प्राथमिकता रही है।…आने वाले समय में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नौकरी एवं रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इस निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे नौकरी/रोजगार प्राप्त कर सकें।’’
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।