डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून जैसे विधेयकों को संविधान के अनुरूप होना चाहिए : न्यायमूर्ति कोहली

राष्ट्रीय
Spread the love

नयी दिल्ली: 17 जुलाई (ए) उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश हिमा कोहली ने संविधान को किसी भी कानून का “आधार” बताते हुए कहा है कि प्रस्तावित डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक, 2024 जैसे आधुनिक कानूनों को निगरानी एवं नियंत्रण के संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप होना चाहिए।

न्यायमूर्ति कोहली मंगलवार को यहां इंडिया हैबिटेट सेंटर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।उन्होंने मुख्य भाषण देते हुए कहा, ‘किसी भी कानून का आधार भारत का संविधान है। आधुनिक कानून निगरानी एवं नियंत्रण के संवैधानिक सिद्धांतों के अनुरूप होने चाहिए और उन्हें कानून के शासन द्वारा शासित समाज के मानकों को पूरा करना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि भारत 88.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं के साथ दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है और देश डिजिटल बाजार में महत्वपूर्ण समस्याओं का सामना कर रहा है।

न्यायमूर्ति कोहली ने कहा कि डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक पर अंतर-मंत्रालयी परामर्श प्रक्रिया, जिसके जल्द होने की अपेक्षा है, को डिजिटल बाजार की चिंताओं से निपटना होगा। उन्होंने कहा, ‘उपयोगकर्ता अनुभव, डेटा सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला, निवेश, व्यावसायिक लागत और उपभोक्ता सामर्थ्य सहित डिजिटल अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर विधेयक के प्रभाव पर गौर करना होगा।’

न्यायमूर्ति कोहली ने नवाचार को टालने से बचने की आवश्यकता के साथ विनियमन को संतुलित करने के महत्व पर जोर दिया।