बेंगलुरु: एक सितंबर (ए)
शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘उन्होंने न्याय की मांग को लेकर कभी आवाज नहीं उठाई। भाजपा में दो समूहों के बीच आंतरिक लड़ाई है। यह उनकी साजिश है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही धर्मस्थल की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की साजिश रची थी। अब वे नौटंकी कर रहे हैं।’
सोमवार को भाजपा ने मंदिर नगरी में ‘धर्मस्थल चलो’ रैली आयोजित करते हुए केंद्रीय एजेंसियों से मामले की जांच की मांग की और धर्मस्थल को ‘बदनाम करने वाले अभियान’ की निंदा की। पार्टी ने मामले से निपटने के तरीके को लेकर कांग्रेस सरकार की भी आलोचना की है।
विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिकायतकर्ता, जिसकी बाद में पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई और जिसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया, ने दावा किया कि उसने पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कई शवों को दफनाया है- जिनमें से कई के शरीर पर यौन उत्पीड़न के निशान मिले।