लखनऊ: 21 दिसंबर (ए)
यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ”एक देश, एक कारोबारी की ओर बढ़ता भाजपा सरकार का गोपनीय एजेंडा।”. उन्होंने इस लंबी पोस्ट में कहा कि एक का धंधा, एक से चंदा, भाजपाई लोग इसी सिद्धांत के तहत देश के हर कारोबार को कुछेक लोगों के हाथों में ही समेट देना चाहते हैं। जिससे चंदे के लिए अलग-अलग जगह न जाना पड़े। अपने पैसों की महाभूख के लिए बाकी कमी को वो सरकार और भाजपा संगठन में बिना ना नुकुर के हामी भरने वाले चाबी के खिलौनों को बिठाकर पूरा करना जानते हैं।
किसी भी देश के लिए, किसी भी क्षेत्र में एकाधिकार की भावना घातक साबित होती है फिर वह चाहे राजनीतिक क्षेत्र हो, आर्थिक या सामाजिक वर्चस्व का क्षेत्र। आज भाजपा सरकार जिस तरह से किसी न किसी बहाने से अन्य औद्योगिक घरानों को खत्म करके समस्त आर्थिक गतिविधियों को अपने गिने-चुने लोगों के नियंत्रण में देने के लिए आमादा है, ये कोशिश बहुत गंभीर और खतरनाक परिस्थिति को जन्म देगी, जिसका अगला कदम अनियंत्रित मुनाफाखोरी व महंगाई और अंततः महा-भ्रष्टाचार होगा।
यादव ने कहा कि इन्हीं एकाधिकारवादी कंपनियों के फायदे के लिए हर नियम-कानून बदला जाएगा, उपभोक्ताओं से मनमानी वसूली की जाएगी। श्रमिकों का ‘कम धन-अधिक श्रम’ के उत्पीड़नकारी फार्मूले के तहत और शोषण किया जाएगा। न किसान की सुनी जाएगी न पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) समाज की मतलब 95 प्रतिशत आबादी घोर शोषण का शिकार हो जाएगी। आज देश को एकजुट होकर भाजपाइयों से कहना पड़ेगा : एकाधिकार, नहीं स्वीकार!