नयी दिल्ली: 13 अगस्त (ए)
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में अतिरिक्त निदेशक अजय कुमार, सीजीएचएस स्वास्थ्य भवन मेरठ के कार्यालय अधीक्षक लवेश सोलंकी और बिचौलिया रईस अहमद शामिल हैं।
एजेंसी ने यह कार्रवाई एक अस्पताल समूह के निदेशक की शिकायत पर की। शिकायत में आरोप था कि अजय कुमार और उनके सहयोगी समूह से संबद्ध दो अस्पतालों को योजना से न हटाने (डी-एम्पैनल न करने) के एवज में रिश्वत मांग रहे थे।
अधिकारियों के अनुसार, सीजीएचएस की टीम ने आठ जुलाई को दोनों अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया और ‘‘कुछ खामियों’’ का हवाला देते हुए नोटिस जारी कर उन्हें योजना से बाहर करने की धमकी दी। आरोप है कि यह धमकी पैसे ऐंठने के लिए दी गई।
अगर अस्पतालों को योजना से बाहर कर दिया जाता तो वे सीजीएचएस योजना के तहत मरीजों का इलाज नहीं कर पाते।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘दोनों सरकारी अधिकारियों ने अस्पतालों को डी-एम्पैनल होने से बचाने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत जल्द से जल्द देने पर जोर दिया।’’
आरोपियों ने पांच लाख रुपये की पहली किस्त स्वीकार करने पर सहमति जताई थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इसकी शिकायत सीबीआई से कर दी।
एजेंसी की टीम ने तय स्थान पर छापा मारकर कुमार, सोलंकी और अहमद को कथित तौर पर रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने आरोपियों के आवासों पर भी तलाशी ली है।