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सीबीआई ने 15,000 करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाले में दर्ज किया केस

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नई दिल्ली, एक नवंबर,(ए)।सीबीआई ने यूपी की कंपनी बाइक बोट की ओर से किए गए 15,000 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले के मामले में केस दर्ज किया है। इस मामले में कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर संजय भाटी और 14 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह जानकारी सूत्रो ने दी हैं। सूत्रों ने बताया कि इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने देश भर में लाखों लोगों से ठगी की है। इस कंपनी के नाम पर लोगों को बाइक टैक्सी में निवेश का ऑफर दिया गया था। इसके तहत 15,000 करोड़ रुपये की ठगी की गई और फिर चंपत हो गए। यह घोटाला हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की ओर से किए गए फ्रॉड से भी बड़ा माना जा रहा है।  
संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी। इसके बाद बाइक बोट नाम से स्कीम की शुरुआत की गई। इसके तहत संजय भाटी और उसके साथियों ने निवेशकों को 1,3,5 या फिर 7 बाइकों में निवेश के बाद आकर्षक रिटर्न का ऑफर दिया गया। यह कहा गया कि यह बाइक टैक्सी स्कीम है और इसमें पैसे लगाने पर लोगों को बड़ा रिटर्न मिलेगा। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और हजारों करोड़ की ठगी करने के बाद संजय भाटी और उसके साथी चंपत हो गए। कहा जा रहा है कि संजय भाटी फिलहाल देश में ही नहीं है।
इस ठगी की स्कीम के तहत लोगों को ऑफर दिया गया था कि वे बाइकों को खरीदने के लिए जो निवेश करेंगे, उसके बदले में उन्हें हर महीने रिटर्न हासिल होगा। इसके अलावा अन्य लोगों को जोड़ने पर कुछ अलग इंसेंटिव देने की भी बात कही गई थी। इसके अलावा कंपनी ने देश के कई शहरों में अपनी फ्रेंचाइजी शुरू करने की भी बात कही। हालांकि यह स्कीम कहीं भी जमीन पर नहीं उतरी और लोगों से फ्रॉड जारी रहा। इस स्कीम को कंपनी ने 2017 में लॉन्च किया था और 2019 के शुरुआती दिनों तक यह घोटाला लगातार जारी रहा। इस दौरान देश भर से लाखों लोगों ने कंपनी में करीब 15,000 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया था। 
सीबीआई से पहले इस केस में ईडी ने जांच शुरू की थी। एजेंसी की ओर से कंपनी के प्रमोटरों की 216 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की थी। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि 2 लाख लोगों से ठगी का यह मामला है। इसके तहत कंपनी ने विज्ञापन जारी करके लोगों से स्कीम में निवेश की अपील की थी। इसके अलावा सीबीआई ने अपनी एजेंसी में पुलिस की ढिलाई पर भी सवाल उठाया है। रिपोर्ट के मुताबिक एसएसपी और एसपी क्राइम ब्रांच ने लोगों से अपनी शिकायतों को वापस लेने के लिए दबाव बनाया था

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